दूर के ढोल सुहाने होते हैं

‘दूर के ढोल सुहाने होते हैं’, यह कहावत तो हम में से हर किसी ने सुनी ही…

गलतफहमी क्यों होती है?

गलतफहमी, मिथ्याबोध, भ्रांति! हर व्यक्ति जीवन के किसी न किसी पड़ाव पर, किसी न किसी व्यक्ति के प्रति गलतफहमी का…

संयोग बनना संयोग की बात नहीं…

वाणी और संयोग में हैं कोई संबंध ? शायद ही कोई व्यक्ति होगा जिसने अपने जीवन…

अच्छा होना बहुत आसान है…

अक्सर जब हम किसी अच्छे व्यक्ति का उदाहरण देते हैं, तो साथ में इतना जरूर कह…

आवाज में नशा है…

आपने कभी ना कभी किसी की तारीफ में कहा होगा या किसी को कहते सुना होगा…

समय प्रबंधन का मंत्र क्या है?

एक कहावत है कि समय कभी किसी के हाथ में नहीं आता है। घड़ी भी कलाई…

स्मार्टफोन के लिए कितनी स्मार्टनेस जरूरी है?

वास्तव में समस्या स्मार्टफोन नहीं, केवल उसके प्रयोग के तरीके में है। आज से कुछ साल पहले…

रिश्ते और जूते हमेशा पॉलिश मांगते हैं

संबंध जीवन की सबसे बड़ी थाती होते हैं। वस्तुत: मनुष्य के जीवन में और अन्य सब…

मैं अचंभित हूँ, कोई मेरी इस कहानी पर तालियाँ भी नहीं बजाता।

पर्दा-बेपर्दा नाटक पर्दा नाटक  दृश्य –1  महाराज 12 वर्षों के बाद वन से लौटे हैं। हर तरफ प्रसन्नता…

अधिकतर माता-पिता यह नहीं समझ पाते हैं कि आखिर बच्चों को सीख देने में गलती कहां हो जाती है?

निषेध की शिक्षा अमित तिवारी शिक्षा जीवन की धुरी है। मनुष्य को जीवन जीने की कला…