चिन्मय दत्ता, चाईबासा, झारखंड।
14 जून 1901 को हरियाणा स्थित पानीपत में रति राम गुप्ता का जन्म हुआ था। इनके पिता शादी राम गुप्ता एक याचिका लेखक और वैदिक विद्वान थे। रति राम ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पानीपत के एक मदरसे में पूरी की। इसके बाद इन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज में अपनी पढ़ाई जारी रखी।भारतीय स्वतंत्रता सेनानी में शामिल राजनीतिज्ञ रति राम गुप्ता से प्रभावित होकर स्वामी श्रद्धानंद और महात्मा गांधी ने इन्हें ‘देशबंधु’ की उपाधि दी जो सामान्य रूप से इनका प्रयुक्त नाम बन गया। ये हरियाणा के स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत करने वाले पहले व्यक्ति थे।
इन्होंने असहयोग आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया और सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान इन्होंने अपना समर्थन प्रदर्शित करना जारी रखा।
इन्होंने 1921 में दिल्ली कांग्रेस कमेटी के सचिव के रूप में कार्य किया इसके बाद 1925 में दिल्ली नगर समिति के लिए चुने गए फिर 1947 में दिल्ली कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने और भारत के संविधान सभा के लिए चुने गए।
एक प्रसिद्ध पत्रकार और संविधान सभा के सदस्य दोनों के रूप में इन्हें भारत में प्रेस की स्वतंत्रता का दृढ़ता से समर्थन करने के लिए जाना जाता है।
इन्होंने लाला लाजपत राय के अखबार ‘वंदे मातरम’ के संपादक के रूप में कार्य किया इसके बाद आर्य समाज के मिशनरी स्वामी श्रद्धानंद के सहयोग से इन्होंने ‘दैनिक तेज़’ अख़बार की स्थापना की जो उर्दू में ‘रोज़ाना तेज़’ के नाम से प्रकाशित होता था।
पश्चिम बंगाल के कोलकाता हवाई अड्डे के पास एक विमान दुर्घटना में 21 नवम्बर 1951 को इनका प्राणांत हो गया। इनके अंतिम संस्कार में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू शामिल थे।
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