कहानी ; दोधारी तलवार

  पूजा हरीश की पत्नी एक सुन्दर – सुशीला गृहिणी पिछले कुछ दिनों से पड़ोस में…

कविता ; ए. सी. आर.

  अच्छे ए. सी. आर. की फिक्र ने मेरी ढलती उम्र में मेरी नाक पर बिठा…

कविता ; खोज

मैंने चिल्लाकर कहा मैं भीम नहीं हूँ। पर वो नहीं माने। धृतराष्ट को लगे मनाने। एक…

कविता ; तीन उपचार

  कल रात मुझे एक मच्छर ने काट लिया सुबह उठते ही जहर को मिटाने मैंने…

गजल ; निम्न कब से हुए ?

हमने दिए शुद्ध घी दूध , स्वच्छ पर्यावरण , निर्मित जल , रमणीया प्रकृति , हरे…

गजल ; धोखा

देख सिंदूरी क्षितिज सोचा उषा को ओढ़ लूँ रंग ने धोखा दिया वह शाम की थी…

गजल ; रेल में

उत्तर कभी दक्षिण से मिलता है रेल में। रिश्ता कहाँ कहाँ से निकलता है रेल में।…

कविता ; सम्पाती बड़ा मशहूर है

नाप ली पर्वत की ऊंचाई अगर आसमां तुझसे नहीं अब दूर है। दे न सकता चाँद…

गजल ; माध्यम

  तुम छोड़ दिए पास गुजरना भी आजकल ख्वाबों में हर एक रात न आओ तो…

कविता ; परिणाम

परमात्मा से डरो यह सीख हमें हजारों वर्षो से इस तरह पिला दी गई है कि…