टूटे हुए सपनों की खामोश कहानी
आँखों में छुपी रह गई बेनाम निशानी
वो वादे , वो कसमें सब बिखर गए ,
लम्हों की यादों में पत्थर बने रह गए।
दिल ने चाहा था सच्चा साथ पाना ,
मगर नसीब में लिखा था बिछड़ जाना।
अब तो धड़कन भी मेरी सवाल करती है ,
क्यों मोहब्बत इतनी बेवफा निकलती है ?