आपके लिये ; कैरियर चयन में सहायक हो स्कूल

 

मीमांसा डेस्क।

बच्चों को बड़ा करने और उनका कैरियर बनाने में माता – पिता की अहम भूमिका होती है , या यूं कहें कि अहम जिम्मेदारी होती है। वह अपनी इस जिम्मेदारी को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ते मगर फिर भी कई बार कुछ कमी रह जाती है। आखिर वह कमी क्या है। क्यों अधिकांश बच्चे स्कूली शिक्षा पूरा करते – करते अपना कैरियर चयन करने में उतने सक्षम नहीं होते जितना उन्हें होने की जरूरत होती है। दरअसल , किताबी ज्ञान के साथ माता – पिता एवं शिक्षक बच्चों को यह बताने में चूक कर देते हैं कि जो शिक्षा उन्हें मिल रही हैं , वह उन्हें जीवनपर्यत तो काम आयेगी ही , मगर जीवन यापन करने जैसे रोटी , कपडा और मकान जैसी मूलभूत जरुरतों को पूरा करने के लिये ली गई सीख जिन्दगी भर उसे स्वावलंबी बनायेगी।

इसलिये यह बेहद जरूरी है कि जरूरत की शिक्षा के बाद बच्चों को उस ज्ञान के लिये प्रेरित किया जाये जो उसे जीवन की आवश्यकताओं को पूरा करने में मददगार साबित हो।

इसके लिये बेहतर है कि उसे स्कूली शिक्षा के दौरान ही हम कैरियर विकल्प की जानकारी दी जाये , जिससे कि उसका चयन करते समय बच्चा सहज हो और अपने मन के अनुसार विकल्प को चुन सके।

अधिकतर मामलों में अब तक इसके बिल्कुल विपरीत होता रहा है। कैरियर चुनने के मुहाने पर आकर भी बच्चों को सही दिशा का पता नहीं होता और ऐसे में जिम्मेदारी स्वयं माता – पिता ले लेते हैं। बिना इस ज्ञान के कि उनका बच्चा किस क्षेत्र में बेहतर कर सकता है , बच्चों को यह निर्देश दे दिया जाता है कि फलां क्षेत्र में तुम्हें अपना कैरियर बनाना है। यह बिल्कुल वैसा ही है , जैसे बच्चे को स्कूल के लिये तैयार करते समय एक भारी बैग उसके कंधे पर लटका दिया जाता है , और वह बच्चा अपने कंधे को बोझ तले झुकाते हुए मजबूरी में स्कूल में प्रवेश करता है।

मजबूरी में थोपा गया माता – पिता का फैसला किसी बच्चे पर कितना भारी पड़ता है , अक्सर हमें अपने आस – पास दिख जाता है। जिस उम्र में चेहरा शीशे की तरह दमकना चाहिये वहां मायूसी सी दिखती है।

थोपी गई पढ़ाई में मन नहीं लगता और जिंदगी बोझ लगने लगती है। देश के भविष्य कहे जाने वाले इन युवाओं की अवस्था पर किसी का ध्यान नहीं होता। माता – पिता दिन – रात बच्चे को अपनी सुझायी गई दिशा तक पहुंचाने की मुहीम में लग जाते हैं , तो शिक्षक भी बिना विराम लिये अपना सिलेबस पूरा करने में लगे रहते हैं। हर किसी की कोशिश कम समय में मन मुतबिक परिणाम तक पहुंचने की होती है।

बेचारे छात्र के लिये तो उस कैरियर तक पहुंचना किसी जंग से कम नहीं होता। कई बार इस दौड़ में सफलता मिल भी जाती है , मगर खुशी कितनी मिलती है , यह बड़ा सवाल है। असल में कैरियर चयन एक दिन का मामला नहीं बल्कि पूरी जिंदगी चलने का रास्ता भी है। इसलिये उसपर चलने वाले की इच्छा जरूरी है।

हर बच्चे में कुछ खास होता है , जिसकी पहचान होने पर वह अद्भुत कर सकता है , मगर इस खास को जानने के लिये माता – पिता को अपनी आंखे खुली रखनी होगी। उन्हें यह समझना होगा कि इस दुनियां को चलाने में हर व्यक्तित्व जरूरी है। डॉक्टर , इंजीनियर , अधिकारी , नेता , शिक्षक , उधमी , इलेक्ट्रीशियन , प्लंबर , आदि जैसे सैकड़ों भूमिका में लोग अपना कार्य कर रहे हैं , और सभी का काम महत्वपूर्ण है। वह इसलिये कि सभी , अलग – अलग पदों के लिये अपनी विशेष योग्यता रखते हैं। वास्तव में इनमें से कोई किसी से बड़ा नहीं और कोई किसी से छोटा नहीं है।

हां यह ध्यान देने योग्य जरूर है कि किस क्षेत्र में आपको अधिक अवसर मिलने वाला है , इसकी पड़ताल और समझ होना जरूरी है। अगर यह पता चल जाये तो कैरियर चयन करना आसान हो जायेगा।

माता – पिता के लिये यह बेहद जरूरी है कि अपने अधूरे सपने पूरे करने की आस को छोड़कर बच्चों के कैरियर चयन में उसकी इच्छा को जानकर मदद करें। उसकी कमी एवं खूबियों की पड़ताल कर अपने युवा हो रहे बच्चों से खुलकर चर्चा करें।

एक स्वस्थ चर्चा के बाद जो निचोड़ सामने आयेगा वह निश्चित रूप से फलदायी होगा , इसमें कोई शक नहीं है। फिर चाहे कैरियर चयन कितना ही मुश्किल क्यों न हो उस तक पहुंचने के सफर पर चलने में आसानी होगी।

पुनश्च ; स्कूली शिक्षा के दौरान अगर बच्चों को विभिन्न कैरियर क्षेत्रों की जानकारी भी दी जाये तो बच्चों के व्यावहारिक समझ में वृद्धि होगी और कैरियर चयन के समय वह आत्मविश्वासी एवं आशान्वित होंगे।

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