पश्चिमी सिंहभूम, चाईबासा
चिन्मय दत्ता।
10 सितंबर को पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) जिले के कुदासिंग गाँव में उद्यान महाविद्यालय, खूंटपानी के विद्यार्थियों ने एक दिवसीय ऑयस्टर मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। यह आयोजन 10 सितंबर बुधवार को किया गया जिसका नेतृत्व महाविद्यालय के सह-अधिष्ठाता डॉ. अरुण कुमार सिंह ने किया।
डॉ. सिंह ने ग्रामीणों को बताया कि मशरूम उत्पादन न केवल आजीविका और आय सृजन का एक प्रभावी साधन है, बल्कि प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन के माध्यम से इसे स्वरोज़गार और उद्यमिता के रूप में भी विकसित किया जा सकता है।
उन्होंने विद्यार्थियों को ग्राम स्तर पर ऐसे विस्तार कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाने हेतु प्रेरित किया। प्रशिक्षण में लगभग 70 ग्रामीणों ने भाग लिया जिसमें आधी से ज्यादा महिलाओं की भागीदारी थी। कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. सुदिप्ता प्रधान के नेतृत्व में हुआ।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि ग्राम पंचायत कृष्णापुर की मुखिया रश्मि सोये ने कहा कि यह दूरस्थ क्षेत्र में पहली बार आयोजित इस प्रकार की गतिविधि है, जो ग्रामीणों की आजीविका में नया आयाम जोड़ेगी। उन्होंने मशरूम उत्पादन को आय वृद्धि, रोजगार सृजन और पलायन रोकने का सशक्त माध्यम बताते हुए महाविद्यालय के इस प्रयास की सराहना की। साथ ही, उन्होंने भविष्य में भी कॉलेज और आस-पास के किसानों को हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया।
प्रशिक्षण के दौरान महाविद्यालय की ओर से 15 किसानों को तैयार फ्रूटिंग मशरूम बैग्स भी वितरित किए गए, ताकि वे तुरंत उत्पादन शुरू कर सकें और व्यावहारिक अनुभव प्राप्त कर सकें।
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