अपनी नजर को मेरी नजरों से तुम मिला दो।
आँखों के जाम से तुम थोड़ी मुझे पिला दो।
खामोशियाँ लबों की अच्छी न लग रही है
हौले से मुस्कुरा के इनको जरा हिला दो।
आँखों के जाम से तुम थोड़ी मुझेक पिला दो।
मैं चाहता तुझे हूँ तुझसे ही प्यार मुझको
अपना बनाके दिल के गुलशन में गुल खिला दो।
आँखों के जाम से तुम थोड़ी मुझे पिला दो।
अपना न जो बनाया जीते जी मर गया मैं
खाकर तरस जरा सी मरते को तुम जिला दो।
आँखों के जाम से तुम थोड़ी मुझे पिला दो।
उपयुक्त रूमानी गीत स्वर्गीय बी एन झा द्वारा लिखित पुस्तक इन्द्रधनुष से ली गई है ।
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