हे द्रौपदी ! तुम्हें तो कोई छू भी नहीं सकता। फिर भी तुम्हें डर है, उन…
Category: कुछ नया
निश्चय करिये योग
निश्चय करिये योग प्रेम देह से है अगर, निश्चय करिये योग। कंचन काया आपकी, सर्वोत्तम निरोग।।…
जीएंगे जब तलक, औरों के काम आएंगे।
जीएंगे जब तलक, औरों के काम आएंगे। हर मुसीबत में आप हमको साथ पाएंगे। काश बेनूर…
तुम्हें कोई अधिकार नहीं है
तुम्हें कोई अधिकार नहीं है दूसरों के बारे में कुछ भी कहने का। कुछ भी लिखने…
संबंधों में प्रेम कहां, अब तो रिश्ते अनुबंध हो गए
प्रतिक्षण धूमिल होती स्वासों पर अवसादों की सांकल है। पंख विहीन मरणासन्न पंछी की तरहां तन-मन…
उन्मुक्त भाव से विचरण कर
उन्मुक्त भाव से विचरण कर नभ पर पदचिह्न बनाती चल अपनी क्षमता के बलबूते सागर पर…