खामोशी का अर्थ नहीं,
हम उनको भूल गए।
उन्होंने कैसे सोच लिया ,
कि बागों से फूल गए।
कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं ,
जो टूट नहीं सकते।
कुछ दामन ऐसे होते है ,
जो छूट नहीं सकते।
कुछ लम्हे ऐसे होते हैं ,
जो जीवन बन जाते हैं।
कुछ पल ऐसे है, जिनको
ये पल लूट नहीं सकते।
कुछ नज़रें ऐसी होती हैं
जो नजरों में उतर जाती हैं।
कभी – कभी कुछ बातें
दिल में घर कर जाती हैं।
कभी किसी का आना भी ,
तनहा कर जाता है।
कभी किसी की यादें दिल
में खुशियाँ भर जाती हैं।
ब्याज तो हर इक रिश्ते
का हम चुकता कर आये।
लेकिन शायद लगता है
हम दिन भूल गए।
खामोशी का अर्थ नहीं ,
हम उनको भूल गए।
उन्होंने कैसे सोच लिया ,
कि बागों से फूल गए।
ख़ामोशी का अर्थ नहीं —–
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