जब कैंसर बन गया उस छोटी सी बच्ची के लिए काल …

पूजा पपनेजा।

दिल्ली मे आज से चार साल पहले एक बच्ची आई थी जिसकी उम्र महज़ 3 साल की थी ।   उसका नाम तनु था वो ब्लड कैंसर बीमारी से पीड़ित थी । वह दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल मे एडमिट थी । उसकी आँखो मे एक उम्मीद थी कि वो ठीक हो जाएगी।  वैसे तो वो बिहार की रहने वाली थी उसके माता पिता मुश्किल समय मे उसके साथ खड़े थे ।  मैंने भी दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल मे उस बच्ची से मुलाकात की थी । उसकी आँखो मे मैंने एक उम्मीद देखी थी जीने की, जब मैं उस बच्ची से मिली तो मुझे ये आभास हुआ कि ये कितनी हिम्मत वाली बच्ची है। जिसने अपने आखिरी समय तक हिम्मत नहीं हारी अपने बुरे समय मे अपने लिए लड़ती रही ।  वही दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल मे डॉक्टर्स ने उसके माता पिता को डोनर्स उपलब्ध करवाने की बात  कही  थी ।  फिर माता पिता अपनी बच्ची के लिए बाकी लोगो से मदद मांगते है ।

बाकी सभी लोग उस बच्ची के लिए रक्त दान देना शुरू कर देते है ।  इस तरह सभी लोग अपने सहयोग से उस बच्ची को बचाने की कोशिश करते है । इतना प्रयास करने के बाद भी सफलता नहीं मिल पाती ।

उसके बाद एम्स हॉस्पिटल के डॉक्टर्स उस बच्ची के माँ बाप को जवाब देते है कि अब कोई उम्मीद नहीं है कि उनकी बच्ची बच पाए फिर भी माँ बाप हार नहीं मानते वो अपनी बच्ची को घर लेकर जाते है ,उसका आयुर्वेदिक इलाज करवाते है ।

बच्ची को कुछ समय के लिए आराम  मिलता  है एक दिन उसकी तबियत बहुत ज्यादा खराब हो जाती है जिस वजह से उसकी मौत हो जाती है ।  इस कहानी मे आप देख सकते है कि माँ बाप ने जिस तरह अपनी बेटी को खोया वो किसी भी माँ बाप के लिए आसान नहीं है।

इस कहानी मे सबसे ख़ास बात ये थी कि माता पिता अपनी बेटी को बचाने के लिए आखिरी समय तक कोशिश करते है । उनकी बेटी की भी हिम्मत है कि वो अपने अंतिम समय तक अपनी हिम्मत नहीं खोती ।

इस कहानी मे सोचने वाली बात ये है कि अभी तो उसने इस दुनिया मे जन्म ही लिया था उससे क्या पता था कि वो एक बीमारी की वजह से अपनी ज़िन्दगी ही खो देगी। इस कहानी को हमने आपके सामने पेश किया आज हम इस कहानी के माध्यम से उस बीमारी के बारे मे चर्चा करते है  । जो उस बच्ची को हुई थी उस बच्ची को लास्ट स्टेज  ब्लड कैंसर था।

जागरूकता के लिए ब्लड कैंसर से जुडी कुछ मह्त्वपूर्ण जानकारी इस प्रकार है ——-

ब्लड कैंसर क्या है ?

ब्लड कैंसर यह एक ऐसी आखिरी स्टेज होती है जिसमें कैंसर का शरीर पर प्रभाव अत्यंत भयंकर होता है इसमें रोगी की मौत की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है ।  क्योंकि ब्लड प्लेटलेट बहुत तेज़ी से गिरने लगती हैं।

इस स्टेज में फेफड़ों के साथ-साथ और भी महत्वपूर्ण अंग कैंसर सेल्स से प्रभावित होने लग जाते है व्यक्ति की हालात बहुत ज्यादा ख़राब होने लगती है । आपको बता दें कि यह ब्लड से रिलेटिड कैंसर होता है या यह कहें की इस प्रकार का कैंसर सीधे आपके ब्लड, बोन मेरो लिम्फेटिक सिस्टम को प्रभावित करता है।

क्योकि हमारा ब्लड बहुत सारी सेल्स से मिलकर बना होता है जिसमे – रेड ब्लड सेल्स (जो हमारे शरीर में ऑक्सीजन ले जाने में सहायता करती हैं,। सफेद ब्लड सेल्स (जो इन्फेक्शन्स से लड़ने में सहायता करती हैं ) प्लेटलेट्स (जो ब्लड के जमने में सहायता करती हैं ) असल में ये सभी स्टेम सेल्स से बने होते हैं । इनमे इतनी क्षमता होती है की ये किसी भी प्रकार की ब्लड सेल को बना सकते हैं आपको ये भी पता होगा कि ब्लड कैंसर के चार चरण होते है।

1 ल्यूकेमिया – यह एक प्रकार का रक्त कैंसर है जिसमें लसीका तंत्र अस्थि मज्जा प्रभावित हो जाते हैं। ल्यूकेमिया में आपको बार-बार थकान, बुखार, संक्रमण, सांस लेने में तकलीफ, त्वचा का पीला पड़ना, वजन कम होना, जोड़ों में दर्द, लिम्फ नोड्स में सूजन आदि की शिकायत होती है।

2 लिम्फोमा – लिम्फोसाइट्स की संख्या अचानक बढ़ जाने के कारण लिम्फ नोड्स भी बढ़ जाते है। इस स्टेज में दूसरों की तुलना में कम खतरा होता है । इस स्टेज में कैंसर इलाज योग्य होता है क्योंकि मेटास्टेसिस का विकास इस स्टेज में पूरी तरह से शुरू नहीं होता है।

3 माइलोमा: कैंसर – यह एक प्रकार का रक्त कैंसर है जो अस्थि मज्जा में शुरू होता है। और प्लाज्मा कोशिकाओं को प्रभावित करता है, जो एक प्रकार की श्वेत रक्त कोशिका होती हैं।

4 अंतिम स्टेज। कैंसर की अंतिम स्टेज वो होती है जिसे व्यक्ति की हालत बहुत ख़राब होने लगती है इस स्टेज मे व्यक्ति को उठने बैठने मे बहुत अधिक समस्या आती है क्योकि ये शरीर के सभी अंगो को प्रभावित करता है जिससे व्यक्ति का शरीर धीरे धीरे खत्म होने लगता है।

ब्लड कैंसर के कारण

1 रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना।

2 कीमोथेरेपी कराने के बाद रक्त कैंसर होने का खतरा बढ जाता है।

3 ब्लड कैंसर 30 साल या उससे अधिक होने पर होता है.।

4 धूम्रपान और तंबाकू का अधिक सेवन करने से भी हो सकता है

5 एचआईवी या एड्स के संक्रमण के कारण.।

ब्लड कैंसर से बचाव के उपाय क्या है ?

1  – स्वास्थ्यवर्धक भोजन –  विटामिन पोषणयुक्‍त भोजन खाने से कैंसर होने की सम्भावना को कम किया जा सकता है। आप अपने डाइट चार्ट में हरी पत्‍तेदार सब्जियों को शामिल कीजिए जिससे आपका शरीर भी स्वस्थ रहेगा। अपने खाने में अंडे, मशरूम, गाजर, पत्‍तागोभी, टमाटर जैसी सब्जियों को खाइए, क्योकि सब्जियों और फलों में फाइबर होता है जो कैंसर से बचाने मे आपकी मदद करता है।

2 रेड मीट – रेड मीट खाने से कैंसर का खतरा 12% तह बढ़ जाता है इसके अलावा एक रिसर्च के अनुसार जो महिलाये रेड मीट खाती हैं उन्हें ब्रैस्ट कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इसलिए महिलाओ को रेड मीट खाने से बचना चाहिए।

3 तला – भुने खाने का कम सेवन——- हर व्यक्ति को तला-भुना भोजन कम खाना चाहिए क्योकि इसका अधिक सेवन करने से शरीर का मोटापा बढ़ता है शरीर को बड़ी बीमारियां होने का खतरा पैदा होता है इसलिए हो सके तो माइक्रोवेव में पका हुआ भोजन भी न खाएं, इसके अलावा ठण्डे खाने को गरम करने से भी बचें।

4    नियमित  व्यायाम : आज के समय हर व्यक्ति को अपनी दैनिक दिनचर्या मे योग को शामिल करना चाहिए जिससे आप बहुत सारी बीमारियों से बच सकते है अगर आप कैंसर से बचना चाहते है तो कम से कम एक सप्‍ताह में पांच दिन करीबन 30 मिनट के लिये वॉक जरूर करनी चाहिये। अगर वॉक का समय ना हो तो घर पर ही कुछ हल्‍की एक्‍सरसाइज जरूर करें।

5 डॉक्टर से सलाह  ले ।  अगर आपको अपने शरीर मे कैंसर से जुड़ा कोई लक्षण दिखता है तो तुरंत अपने डॉक्टर को जा कर  दिखाइए  ।