जीवन-मृत्यु जिन्दगी के पल बढ़ते हैं जितने मरते जाते हैं हम उतने फिर क्यों सिखाया जाता…
Category: कुछ नया
ग़ज़ल : अहसास आस-पास
ग़ज़ल : अहसास आस-पास किसी का होना इतना आसाँ नहीं। जब ख़ुद की ही कोई…
हे द्रौपदी !तुम्हें तो कोई छू भी नहीं सकता।
हे द्रौपदी ! तुम्हें तो कोई छू भी नहीं सकता। फिर भी तुम्हें डर है, उन…
निश्चय करिये योग
निश्चय करिये योग प्रेम देह से है अगर, निश्चय करिये योग। कंचन काया आपकी, सर्वोत्तम निरोग।।…
जीएंगे जब तलक, औरों के काम आएंगे।
जीएंगे जब तलक, औरों के काम आएंगे। हर मुसीबत में आप हमको साथ पाएंगे। काश बेनूर…
जानें क्यूं सच कभी-कभी
जाने क्यूं सच कभी-कभी कमजोर सा मालूम होता है, मन मेरा भी कभी-कभी इक चोर सा…
तुम्हें कोई अधिकार नहीं है
तुम्हें कोई अधिकार नहीं है दूसरों के बारे में कुछ भी कहने का। कुछ भी लिखने…
संबंधों में प्रेम कहां, अब तो रिश्ते अनुबंध हो गए
प्रतिक्षण धूमिल होती स्वासों पर अवसादों की सांकल है। पंख विहीन मरणासन्न पंछी की तरहां तन-मन…
जब याद प्रिया की आती है
जब याद प्रिया की आती है हर फूल पे तितली उड़ती हर पेड़ पे कोयल गाती…
उगता-डूबता सूरज
अरे ओ उगते सूरज की पूजा करने वाले। अंधे हो गए हो क्या ? दिखाई नहीं…