क्या हो गई खता ये मुझको जरा बताओ तुम रूठ करके ऐसे मुझको नहीं सताओ…
Category: कुछ नया
कविता ; मोहब्बत कभी खत्म नहीं होती — बस लोग मन से बदल जाते हैं
मीमांसा डेस्क। मोहब्बत कभी खत्म नहीं होती बस लोग मन से बदल जाते हैं। कभी…
साहित्यक रचनाएँ ; मृगतृष्णा
जीवन की मृगतृष्णा में मुझे मिल जाता है सचमुच सरोवर मैं प्यास भी अपनी बुझा…
एक प्रेरक कहानी —– अरुणिमा से सीखो
लोग अक्सर अपनी कामयाबी का श्रेय तो खुद को ही देते हैं लेकिन अपनी हार के…
दिल की कविता ;मेरे दिल की तस्वीर बड़ी अनोखी है —- इसमें तेरे मुस्कान की रोशनी है।
मीमांसा डेस्क। मेरे दिल की तस्वीर बड़ी अनोखी है , इसमें तेरी मुस्कान की रोशनी है।…
साहित्यक रचनाएँ ; कूड़ा
सम्पादक जी आपने मेरी रचनाओं को कूड़े की सज्ञां देकर लौटाई नहीं और समर्पित किए उन्हें…
कहानी ; कौन सोचेगा ?
आशुतोष बाबू बहुत गम्भीर मुद्रा में अपने ड्राईगरूम की कुर्सी पर बैठे थे। मैं जाकर उनके…