कविता ; मुझको नहीं सताओ

  क्या हो गई खता ये मुझको जरा बताओ तुम रूठ करके ऐसे मुझको नहीं सताओ…

कविता ; मोहब्बत कभी खत्म नहीं होती — बस लोग मन से बदल जाते हैं

  मीमांसा डेस्क। मोहब्बत कभी खत्म नहीं होती बस लोग मन से बदल जाते हैं। कभी…

कविता ; कड़े इम्तेहान

    खत्म हो गया मस्ती का टाईम , और आ गये इम्तेहान । करें पढ़ाई…

गज़ल ; ये गज़ल कुछ सुना कीजिए

  ये ग़ज़ल कुछ सुना कीजिए। दो घड़ी गम भुला दीजिए। आदमी थक के रफ्तार से।…

साहित्यक रचनाएँ ; मृगतृष्णा

  जीवन की मृगतृष्णा में मुझे मिल जाता है सचमुच सरोवर मैं प्यास भी अपनी बुझा…

हास्य कविताएं : शत्रुध्न

  माँ ने बड़े प्यार से मुझसे पूछा , बेटा राम , लक्ष्मण , भरत ,…

एक प्रेरक कहानी —– अरुणिमा से सीखो

लोग अक्सर अपनी कामयाबी का श्रेय तो खुद को ही देते हैं लेकिन अपनी हार के…

दिल की कविता ;मेरे दिल की तस्वीर बड़ी अनोखी है —- इसमें तेरे मुस्कान की रोशनी है।

मीमांसा डेस्क। मेरे दिल की तस्वीर बड़ी अनोखी है , इसमें तेरी मुस्कान की रोशनी है।…

साहित्यक रचनाएँ ; कूड़ा

सम्पादक जी आपने मेरी रचनाओं को कूड़े की सज्ञां देकर लौटाई नहीं और समर्पित किए उन्हें…

कहानी ; कौन सोचेगा ?

आशुतोष बाबू बहुत गम्भीर मुद्रा में अपने ड्राईगरूम की कुर्सी पर बैठे थे। मैं जाकर उनके…