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खून के रिश्तों में भी जब से सियासत हो गयी दुनिया की हर शय से हमको…
मैं सड़क हूँ चलती फिरती बिना हाथ पैरों की मैं सड़क हूँ। मुझे पता ही नहीं…
माँ, शब्द सुनकर आ जाती है सबके चहेरों पर उमंग , खिल उठते हैं सबके…
आज गर्मी की छुट्टी है। हर बच्चे को इस बात की खुशी है। आज मौसम बहुत…
ऋतुओं का है राजा आया , आमों की डाली पर हैं मंजर छाया। आया – आया…
खामोशी का अर्थ नहीं, हम उनको भूल गए। उन्होंने कैसे सोच लिया , कि बागों से…
पल पल करते पल वो सारे बीत गए , चुल्लू भर थे सपने सारे रीत गए।…
कलम बहुत दिनों से रोना भूल बैठी है। दर्द में पलकें भिगोना भूल बैठी है। आंसुओ…
तड़पन है छटपटाहट हैं धूप – छाँव की तरह क्षण – क्षण वेष बदलती है अचेतन…
सूरज की पहली किरण जब धरा पर पड़ती है मिट जाता है है निशा का अंधकार…