मूर्ख बातूनी कछुआ

उदयराज सिंह एक तालाब में एक कछुआ रहता था , और उसी तालाब में दो हंस…

उसको कामयाब बनाने की ख्वाहिश अधूरी थी मेरी

उसको कामयाब बनाने की ख्वाहिश अधूरी थी मेरी मेरी वह अधूरी इच्छा पूरी हुई । जब…

बही लिखना , सनद लिखना

बही लिखना , सनद लिखना मेरी चाहत का कद लिखना। मेरी बातों को तुम कंकर और…

बस इतना हो , अच्छा हो

बस इतना हो , अच्छा हो उसको लिखना , उसको पढ़ना , उसमे होना , जी…

प्यार पाने के लिए होती है कविता

कभी क्रांति के गीत लिखती है कविता कभी देश और समाज के दिशा बोध की नई…

जीवन के रंग अलसाए हैं

तुम्हारे साथ न होने से समंदर के गहराई जैसा दर्द का एहसास सचमुच मेरा जीवन कितना…

बाबुल का प्यार

जब एक लड़की ब्याह कर दूसरे घर की बहू और किसी की जीवनसंगिनी बनती है सब…

मेरे हिस्से की धूप

कभी – कभी सोचता हूँ क्यों किसी के हिस्से की घूप किसी और के आंगन में…

सत्य को स्वीकार शायद

आज फिर से आजकल की, बातें याद आने लगी। आज फिर बातें वही , रह –…

जाने कैसे भूल गये तुम

  जाने कैसे भूल गये तुम , वो झूटी – सच्ची बातें ? जाने कैसे छूटी…