ना जाने मैं बदल सकूंगा , या कि खुद बदला जाऊंगा ? देख रहा हूं रीत…
Category: कुछ नया
मैं कलम थामकर यूं ही बढ़ता गया —-
मैं कलम थामकर यूं ही बढ़ता गया , बेतहाशा ही किस्से मैं गढ़ता गया। थोड़ा सच…
मैं कलम थामकर यूं ही बढ़ता गया , बेतहाशा ही किस्से मैं गढ़ता गया। थोड़ा सच…