चिन्मय दत्ता, चाईबासा, झारखंड
जब भी कृष्ण की बात होती है तो ऐसा लगता है कि हम किसी पुराने जमाने की बात कर रहे हैं या उन पौराणिक कथाओं की बात कर रहे हैं जो घर में बड़े बुजुर्ग बच्चों को सुनाया करते हैं। असलियत तो यह है कि कृष्ण ने जो कुछ उस समय सिखाया वह आज के लिए भी सच है। कृष्ण ने गीता में जो उपदेश दिए वह सच की झूठ पर जीत का संदेश देते हैं। राम ने रावण के साथ युद्ध में भी यही प्रमाणित किया था। आज भी किसी घटना को ले लीजिए तो यही माना जाता है कि झूठ कुछ समय के लिए तो सफलता पा सकता है पर अंत में जीत सच की ही होती है।
अगर कृष्ण के उपदेश को जोरदार भाषा में मुश्किल शब्दों के साथ कहा जाए तो वह किसी पंडित या ज्ञानी के उपदेश बन जाएंगे। टेलीविजन पर महाभारत और श्री कृष्ण सीरियल, कृष्ण के बारे में बहुत कुछ बता चुके हैं।
मथुरा और गोकुल की जमीन पर आज भी कृष्ण के करतबों की आवाज सुनाई देती है। वह स्थान जहां कृष्ण ने मिट्टी खा कर जशोदा को विश्व दर्शन दिए आज भी जमुना घाट के समीप स्थित है। यहां भक्तजनों को कृष्ण के बाल रूप को दर्शाने के लिए मिट्टी का प्रसाद जाता है। पौराणिक कथाओं के अस्तित्व को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। भारत की जमीन पर कृष्ण हर युग के लिए एक मिसाल हैं।