चिन्मय दत्ता, चाईबासा, झारखंड
मीरा कुमार का जन्म 31 मार्च 1945 को बिहार के सासाराम स्थित बाबू जगजीवन राम और इन्द्राणी देवी के घर हुआ। इनकी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के महारानी गायत्री देवी गर्ल्स पब्लिक स्कूल में हुई। इन्होंने दिल्ली के इन्द्रप्रस्थ और मिरांडा हाउस कॉलेज से एम.ए. और एल.एल.बी. की शिक्षा हासिल की। ये हमेशा कुछ न कुछ पढ़ती रहती हैं। इनकी प्रिय पुस्तक महाकवि कालिदास का अभिज्ञान शाकुंतलम् है। ये अंग्रेजी, स्पेनिश, हिंदी, संस्कृत, भोजपुरी भाषाओं में निपुण है।
मीरा कुमार का विवाह बिहार की पहली महिला कैबिनेट मंत्री सुमित्रा देवी के बड़े पुत्र मंजुल कुमार से 1968 में हुआ। ये 1973 में भारतीय विदेश सेवा के लिए चुनी गईं। कुछ वर्षो तक स्पेन, ब्रिटेन और मॉरीशस में उच्चायुक्त रहीं फिर इन्होंने राजनीति में कदम बढ़ाने का फैसला किया।
राजनीति में इनका प्रवेश अस्सी के दशक में हुआ था। 1985 में ये पहली बार बिजनौर से सांसद में निर्वाचित हुई। उस समय के दो दलित नेता रामविलास पासवान औऱ मायावती भी इनके प्रचार अभियान का हिस्सा रहे। 1990 में ये कांग्रेस पार्टी की कार्यकारिणी समिति की सदस्य और अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की महासचिव भी चुनी गई।
1996 में ये दूसरी बार सांसद बनीं और तीसरी पारी इन्होंने 1998 में शुरु की इसके बाद 2004 में बिहार के सासाराम से लोक सभा सीट जीती। इस बार ये पाँचवीं बार सांसद के लिए चुनी गई हैं। भारत की पहली महिला लोकसभा स्पीकर बनी मीरा कुमार को कला और साहित्य से विशेष लगाव है। ये अपने खाली समय में पुस्तकें पढ़ती हैं। हस्तशिल्प प्रेमी होने के अलावा ये कवियित्री भी हैं। इनकी लिखी कई कविताएं प्रकाशित भी हुई हैं।
इसके अलावा इन्हें देश-विदेश की ऐतिहासिक इमारतों का भ्रमण करने का भी शौक है।
मीरा कुमार के जन्म दिवस पर पाठक मंच के कार्यक्रम इन्द्रधनुष की 825वीं कड़ी में मंच की सचिव शिवानी दत्ता की अध्यक्षता में यह जानकारी दी गई।
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