जयाप्रदा के नाम है सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के तीन फिल्म फेयर पुरस्कार

चिन्मय दत्ता, चाईबासा।

आंध्र प्रदेश के राजमण्ड्री में तेलुगू फिल्म फाइनेंशर कृष्णा के घर 3 अप्रैल 1962 को ललिता रानी का जन्म हुआ। ललिता को कम उम्र में ही माँ नीलवाणी ने नृत्य एवं संगीत के प्रशिक्षण के लिये दाखिला दिला दिया। इन कलाओं को सीखते हुए जब ललिता 14 वर्ष की हुई तब उसने स्कूल के वार्षिक समारोह में नृत्य प्रदर्शन किया। इस समारोह के दर्शकों में फिल्म निर्देशक भी शामिल थे,जिन्होंने तेलुगू फिल्म ‘भूमिकोसम’ में इनकी तीन मिनट की नृत्य प्रदर्शित की, जिससे प्रस्तावों की बाढ़ आ गई। वही ललिता 1976 में स्टार बन कर जयाप्रदा के नाम से जानी गई। 1977 में जया ने ‘आडवी रामुडु’ में अभिनय किया, जिसने बॉक्स ऑफिस के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये।

के. विश्वनाथ ने 1976 का फिल्म ‘सिरी सिरी मुव्वा’ का पुनर्निर्माण हिन्दी में ‘सरगम’ से कर, 1979 में जयाप्रदा को बॉलीवुड से परिचित कराया। इस सुपरहिट फिल्म से जयाप्रदा ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पहला फिल्म फेयर पुरस्कार अपने नाम किया। इसी क्रम में 1984 में प्रकाश मेहरा की फिल्म ‘शराबी’ में अमिताभ बच्चन की प्रेमिका के रूप में और 1985 में के. विश्वनाथ की ‘संजोग’ में चुनौतीपूर्ण दोहरी भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के दो और फिल्म फेयर पुरस्कार अर्जित किए।

जया प्रदा ने अपनी प्रतिद्वंदी नायिका श्रीदेवी के साथ एक दर्जन फिल्मों में अभिनय किया। 1982 में प्रदर्शित तेलुगू फिल्म ‘देवता’ में इन्होंने दो बहनों की भूमिका निभाई। 1984 की हिट हिन्दी फिल्म ‘तोहफा’ के रूप में इसका पुनर्निर्माण किया गया। भारतीय सिनेमा के रूपहले पर्दे पर अपने दमदार अभिनय की अमिट छाप छोड़ने वाली जया 1994 से राजनीति में भी हैं। इसके साथ ही इन्होंने 2002 की फिल्म ‘आधार’ में अतिथि भूमिका के जरिए मराठी फिल्म में कदम रखा। जया प्रदा के 300 से अधिक फिल्मों में अभिनय के क्रम में तेलुगू, तमिल, मलयालम, कन्नड़, हिन्दी, बांग्ला एवं मराठी फिल्में शामिल हैं।

जया प्रदा के जन्म दिवस पर उपर्युक्त जानकारी दर्शन मेला म्यूजियम डेवलपमेंट सोसायटी की प्रमुख उपलब्धि पाठक मंच के साप्ताहिक कार्यक्रम इन्द्रधनुष की 719वीं कड़ी में शिवानी दत्ता की अध्यक्षता में दी गई।

 

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