नई दिल्ली,
छत्तीसगढ़ सरकार ने गरीब, मजदूर, किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त करने की रणनीति अपनाई है। योजनाओं के माध्यम से लाखों लोगों की जेब में पैसे डाला है। यही वजह है कि मंदी में भी छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था गतिशील रही। यह बात छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कही। उन्होने कहा कि राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना की राशि 6000 से बढ़ाकर 7000 करने का वादा किया था, जो हमने पूरा किया।
समाज के सभी तबके के लोगों को न्याय देने की इसी कड़ी में गुरुवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किसानों, ग्रामीण भूमिहीन मजदूरों, तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों, पशुपालक ग्रामीणों, महिला समूहों को 1124 करोड़ 92 लाख रूपए की राशि विभिन्न योजनाओं के तहत सीधे उनके बैंक खातों में अंतरित किया।
भूपेश बघेल मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के विस्तार कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य के नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों में जनसामान्य को घर पहुंच स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 60 मोबाइल मेडिकल यूनिट का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल इस अवसर पर राज्य में प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण के तहत जनता और शासन-प्रशासन की बीच की दूरी को कम करने के उद्देश्य से 4 नए राजस्व अनुविभाग एवं 23 नयी तहसीलों तथा राजस्व प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा के लिए तैयार किए गए ऑनलाइन पोर्टल का लोकार्पण भी किया।
कार्यक्रम के दौरान राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत राज्य के 20 लाख 58 हजार किसानों के खातों में चौथी किस्त के रूप में 1029.31 करोड़ रुपये ऑनलाइन माध्यम से ट्रांसफर किए। वहीं, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना की दूसरी किस्त के रूप में 3.55 लाख हितग्राहियों को 71.08 करोड़ रुपये जारी की गयी।
गोधन न्याय योजना के तहत गोबर विक्रेताओं, गौठान समितियों और महिला समूहों को 13.62 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। वहीं, शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत 728 तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को 10.91 करोड़ रुपये की बीमा राशि का भुगतान किया गया।