शिव महादेव क्यों ?

मीमांसा डेस्क।

बड़ा या महान बनने के लिए त्याग ,
तपस्या , धीरज , उदारता और

सहनशक्ति की जरूरत होती है। विष को
अपने भीतर ही सहेजकर आश्रितों के

लिए अमृत देने वाले होने से और विरोधों ,
विषमतओं को भी संतुलित रखते हुए एक

परिवार बनाए रखने से शिव महादेव हैं।
आपके समीप पार्वती का शेर , आपका

बैल , शरीर के सांप , कुमार कार्तिकेय का
मोर , गणेश जी का मूषक , विष की अग्नि

और गंगा का जल , कभी पिनाकी धनुर्धर
वीर तो कभी नरमुण्डधर कपाली , कहीं

अर्धनारीश्वर तो कही महाकाली के पैरों
में लुण्ठित , कभी सर्वधनी तो कभी

दिगम्बर , निर्माणदेव भव और संहारदेव
रूद्र , कभी भूतनाथ कभी  विश्वनाथ  आदि

सब विरोधी बातों का जिनके प्रताप से
एक जगह पावन संगम हो , वे ही तो देवों
के देव महादेव हो सकते हैं।