नई दिल्ली, 14 जनवरी।
संसद की एक समिति ने मेटा को तलब करने का मन बनाया है जो सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म फेसबुक की पैरेंट कंपनी है। गौरतलब है कि फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग के बयानों से मेटा कंपनी मुश्किल में फंस गई है।
यह मामला 2024 के लोकसभा चुनाव पर जुकरबर्ग की टिप्पणी से जुड़ा है, जब फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने एक पॉडकास्ट में दावा किया था कि, COVID-19 के बाद अधिकांश मौजूदा सरकारें, जिनमें भारत भी शामिल है, हार गयी थी।
इस पर बीजेपी सांसद और सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय समिति के अध्यक्ष निशिकांत दुबे ने कहा कि मेटा को अफवाह फैलाने के आरोप में बुलाया जाएगा। जानकारी के अनुसार, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी समिति द्वारा 20 से 24 जनवरी के बीच मेटा के प्रतिनिधियों को संसद में बुलाने पर विचार किया जायेगा। साथ ही निशिकांत दुबे ने कहा कि मेटा को संसद और जनता से माफी मांगनी चाहिए।
इसके अलावा सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीड़िया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि, मार्क जुकरबर्ग द्वारा स्वयं गलत सूचना देना निराशाजनक है। उन्होने मेटा (Meta) को इस प्रकार की गलत जानकारी से बचने और तथ्यों को सही तरीके से प्रस्तुत करने की सलाह दी।