नई दिल्ली में वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नक्सली हिंसा की घटनाएं सोलह हजार से घटकर लगभग सात हजार सात सौ हो गई हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि अगले साल तक यह संख्या और कम हो जाएगी।
अमित शाह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि नागरिकों और सुरक्षा बलों की मृत्यु में सत्तर प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद विकास की राह में सबसे बड़ी बाधा है और इससे किसी का भला नहीं होने वाला है।
गृहमंत्री ने नक्सलवाद से जुड़े सभी युवाओं से हथियार छोड़कर मुख्यधारा में आने की अपील की है। उन्होंने कहा कि उत्तर-पूर्व, जम्मू-कश्मीर और छत्तीसगढ़ समेत नक्सल प्रभावित राज्यों से करीब तेरह हजार युवा हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हुए हैं।
इस बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी शामिल हुए। बैठक में मुख्यमंत्री ने नक्सल ऑपरेशन की जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ में हाल ही में नक्सल विरोधी ऑपरेशन में इकतीस माओवादियों को मार गिराया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री ने इस ऑपरेशन को लेकर राज्य सरकार की प्रशंसा की।
केंद्रीय गृह मंत्री ने अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा कि वे भी छत्तीसगढ़ की रणनीति और आपसी समन्वय के आधार पर अपने राज्यों में ऑपरेशन को अंजाम दे सकते हैं।
बैठक में मुख्यमंत्री ने बताया कि इस वर्ष जनवरी से लेकर अब तक छत्तीसगढ़ के सुरक्षा बलों ने लगभग एक सौ चौरानवे माओवादियों को मुठभेड़ में मारा है। वहीं, आठ सौ एक माओवादी गिरफ्तार किए गए हैं।
साथ ही सात सौ बयालीस ने आत्मसमर्पण किया है। मुख्यमंत्री ने ये जानकारी दी कि दक्षिण बस्तर में जल्द ही उनतीस नए सुरक्षा कैंपों की स्थापना की जाएगी, ताकि नक्सलियों के प्रभावशीलता को खत्म किया जा सके।