चिन्मय दत्ता, चाईबासा, झारखंड
भारत की प्रथम और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा का जन्म ब्रिटिश भारत स्थित उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में 19 नवम्बर 1917 को पंडित जवाहरलाल नेहरू के घर हुआ। कमला नेहरू की ये सुपुत्री अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी।
इंदिरा बचपन से ही राजनीति की बातें और वातावरण देखकर बड़ी हुई क्योंकि पिता जवाहरलाल नेहरू कांग्रेस सरकार की एक प्रमुख सदस्य थे। उनके पितामह मोतीलाल नेहरू उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से एक धनी बैरिस्टर होने के साथ स्वतंत्रता संग्राम के एक लोकप्रिय नेता रहे। महात्मा गांधी के नेतृत्व में जवाहरलाल नेहरू का प्रवेश स्वतंत्रता आंदोलन में हुआ जो स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री रहे।
5 वर्ष की उम्र में इंदिरा ने अपनी गुड़िया जलाने का फैसला किया क्योंकि वह इंग्लैंड से लाई हुई थी इससे स्पष्ट होता है कि ये बचपन से ही देशभक्त की भावना अपने हृदय में रखती । इसके बाद 12 वर्ष की उम्र में इन्होंने कुछ बच्चों की वानर सेना बनाई और उसका नेतृत्व किया जिसका नाम बंदर ब्रिगेड रखा गया और इसने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में छोटी सी भूमिका निभाई थी।
इंदिरा ने 1935 में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद शांति निकेतन में विश्व भारतीय विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया जो रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा निर्मित था जहां रविंद्र नाथ ने इनको ‘प्रियदर्शनी’ नाम दिया। इन्हें गांधी उपनाम 16 मार्च 1942 को फिरोज गांधी से विवाह के पश्चात मिला था। ये 1966 से 1977 तक लगातार तीन पारी भारत की प्रधानमंत्री रही, फिर इसके बाद चौथी पारी में 1980 से लेकर 31 अक्टूबर 1984 में इनकी राजनैतिक हत्या तक भारत की प्रधानमंत्री रही।
इंदिरा गांधी की जयंती पर पाठक मंच के कार्यक्रम इन्द्रधनुष की 805वीं कड़ी में मंच की सचिव शिवानी दत्ता की अध्यक्षता में यह जानकारी दी गई।
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