मीमांसा डेस्क।
हृदय रोग से होने वाली मृत्यु दर को कम करने और स्वयं और अपनों को बचाने के लिये इसके लक्षणों की समय से पहचान बहुत जरूरी है। गौरतलब है कि दिल के दौरे से पहले ही शरीर को चेतावनी मिलनी शुरू हो जाती है। हृदय रोग विशेषज्ञ के अनुसार अधिकांश दिल के दौरे में छाती के बीच में असुविधा होती है, जो कुछ मिनटों या फिर ज्यादा देर तक रह सकती है, या फिर आ-जा सकती है। यह असहज दबाव, या दर्द जैसा महसूस हो सकता है। यदि छाती में दर्द हो तो इसे हल्के में ना लें बल्कि ईसीजी कराएं ताकि दर्द के सही कारण की जानकारी मिल सके।
हृदय रोग विशेषज्ञ के मुताबिक ज्यादातर मामले इसलिए गंभीर हो जाते हैं क्योंकि लोग आम दर्द समझकर घरेलू उपचार के जरिये इसे दूर करने की कोशिश करते हैं, जो वाकई खतरे को और गंभीर बनाता है। ऐसे में सभी को इस चेतावनी के प्रति सजग होने की जरूरत है, और जरूरी है कि दिल के दौरे के लक्षणों को पहचानें।
दिल के दौरे के लक्षणों में एक अथवा दोनों बाहों, पीठ, गर्दन, जबड़े या पेट में दर्द की परेशानी, ठंडा पसीना आना, मतली या चक्कर आना, कम मेहनत करने पर भी सांस लेने में तकलीफ महसूस होना आदि शामिल है।
दिल की अनियमित धड़कन और अधिक थकान महसूस होना भी खतरे के लक्षणों में शामिल है। इसके अलावा, पैरों, टखनों, और पेट के सूजन हार्ट फेल्योर के संकेत देते हैं। इसलिये इन लक्षणों को पहचानकर शीघ्र चिकित्सक से मिलकर जांच कराना आपकी जान बचा सकता है। इसलिये अपने शरीर में बदलते लक्षणों को समय से पहचाने और एक स्वस्थ हृदय के साथ अपने जीवन को खुशहाल बनाएं।
नोट- उपर्युक्त लेख डॉक्टर के दिये सुझावों पर आधारित हैं। किसी एक के लक्षण और उपचार दूसरे से भिन्न हो सकते हैं, इसलिये किसी भी आशंका से परे जरूरत पड़ने पर मानक जांच के साथ एक विशेषज्ञ चिकित्सक से सलाह लें एवं स्वस्थ रहें। यह लेख केवल जागरूक करने के लिये है।