25 सितंबर, 2023।
मीमांसा डेस्क, नई दिल्ली।
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था पाथेया ने अपना 27वां स्थापना दिवस मनाया। आज 25 सितंबर 2023 को दिल्ली में एक अवॉर्ड समारोह का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व ईडी प्रमुख एवं पूर्व आईपीएस अधिकारी कर्नल सिंह और पूर्व पर्यावरण सचिव मदन लाल मीणा ने शिरकत की। इस मौके पर समारोह में संस्था ने अपने उन विभूतियों को सम्मानित किया जिनके अथक परिश्रम और लगन से आज वह ठोस प्रबंधन के क्षेत्र में ऊंचाईयों को छू रही है। इसके साथ ही कार्यक्रम में कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी एवं नवाचार की उपयोगिता विषय पर केन्द्रित एक पैनल परिचर्चा का आयोजन भी किया गया। पैनल में शामिल हुए विशेषज्ञों ने बताया कि आज जब हर तरफ डिजिटलीकरण की बात हो रही है, तब कचरा प्रबंधन में भी इसकी उपयोगिता बढ़ी है, और इससे काम करना और आसान हुआ है।
इस अवसर पर संस्था के सीईओ गिरिजेश चौबे ने बताया कि 27 वर्षों में आज यह संस्था जिस सफलता के रास्ते पर चल रही है, उसमें पूरी टीम का बहुत बड़ा योगदान है, इसलिये हमने उल्लेखनीय योगदान देने वाले अपने कर्मियों को अवॉर्ड देकर सम्मानित किया है। संस्था का उद्येश्य केवल अपने लिये मील का पत्थर हासिल करना ही नहीं है बल्कि इससे जुड़े लोगों में नेतृत्व क्षमता को बढ़ाना भी है।
एक सवाल के जवाब में गिरिजेश चौबे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के 2047 तक विकसित भारत बनाने के सपने में अपशिष्ट प्रबंधन का क्षेत्र काफी अहम स्थान रखता है। लेकिन इस क्षेत्र में कई चुनौतियां हैं, जैसे दुनिया के अन्य देशों और यूरोप के देशों में सरकारें एनर्जी प्लांट लगाने के लिये प्रोत्साहित करती हैं, वहीं हमारे देश में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(एनजीटी) की ओर से अनुमति मिलने में परेशानी होती है। इस ओर सरकार को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि हमारा उद्येश्य वेस्ट टू एनर्जी के साथ प्रदूषण मुक्त भारत बनाना भी है।
गौरतलब है कि पाथेया (पिपुल्स एसोसिएशन फॉर टोटल हेल्प एंड यूथ अप्लाउज), पर्यावरण संरक्षण के लिये विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहा है, जिनमें मुख्य रूप से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, पारिस्थिकीय विकास सेवाएं(इकोलॉजिकल डेवलपमेंट सर्विसेज), पुराने डंप कचरे का जैव उपचार(बायो रेमेडिएशन) एवं स्वच्छता कार्य शामिल हैं। वर्तमान में संस्था लगभग 20 राज्यों में काम कर रही है, और अब इसने अपने कार्य क्षेत्र में सैनिटरी लैंडफिल, पुराने कचरे का जैव खनन(बायो) माइनिंग, खुले जल निकायों का कायाकल्प, वाटर ट्रीटमेंट और वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट, ईटीपी और एसटीपी के साथ लीचेट ट्रीटमेंट को भी शामिल किया है।