डॉ.ज्योति झा
वरिष्ठ पत्रकार।
दरभंगा,30 अगस्त 2023 (एजेंसी)। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो.डॉली सिन्हा ने कहा है कि विज्ञान के क्षेत्र में कार्य करने वाले प्रत्येक व्यक्ति विज्ञान के सेवक हैं और उनकी सेवा सिर्फ मानव के उत्थान एवं विकास के लिए ही नहीं बल्कि संपूर्ण प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए होती है।
डॉ.सिन्हा ने कल यहाँ राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस की जिला स्तरीय कार्यशाला का उदघाट्न करते हुए कहा कि डॉ.जगदीश चंद्र बसु एवं महान वैज्ञानिक विक्रम साराभाई विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास के लिए पूरी सेवा भावना से समर्पित थे और उन्होंने अपना सब कुछ वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए अर्पित कर दिया।
उन्होंने मिथिलांचल के लोगों से अनुरोध किया कि वे विज्ञान प्रयोगशालाओं के निर्माण एवं विकास के लिये खुलकर दान दें जिससे आध्यात्मिक शोध के लिए प्रख्यात मिथिलांचल विज्ञान एवं वैज्ञानिक अनुसंधानों के केंद्र के रूप में भी अपनी पहचान बना सके।
वहीं इस अवसर पर स्वास्थ्य, पोषण और कल्याण को बढ़ावा देने की वकालत करते हुए प्रो. एम नेहाल ने कहा कि आजकल कई बीमारियां हमारे बदलते जीवन शैली के कारण हो रही हैं। इस क्रम में उन्होंने कई उदाहरण पेश किए और कहा कि ऐसे रोगों से बचाव जीवन शैली, खान-पान तथा रहन-सहन में बदलाव लाकर ही किया जा सकता है।
पारितंत्र और स्वास्थ्य के लिए सामाजिक और सांस्कृतिक प्रथाएं तथा पारितंत्र एवं स्वास्थ्य के लिए तकनीकी नवाचार की चर्चा करते हुए जाने माने शिक्षाविद प्रो. विद्यानाथ झा ने कहा कि हमारे पर्व त्योहार एवं रीति रिवाज तथा प्रथाएं भी कहीं न कहीं पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य तथा कल्याण से जुड़ी हुई होती हैं।
इस क्रम में डॉ.झा ने बरगद, पीपल, गूलर आदि कई पेड़ों की चर्चा करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण में इनका योगदान उत्कृष्ट है। उन्होंने असम एवं मेघालय में बांस उद्योग, केला के डंठल से बने रेशे, कमल के डंठल/थंब से बने रेशे,मखाना के छिलके, लीची के गुठली के पुनर्चक्रण से निर्मित पदार्थ की विस्तृत चर्चा की। कार्यक्रम को कई अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया।एल.एस।