भारतीय सिनेमा की पहली महिला सुपरस्टार रहीं श्रीदेवी

चिन्मय दत्ता, चाईबासा, झारखंड
13 अगस्त 1963 को तमिलनाडु के शिवकाशी में अय्यपन यंगर और राजेश्वरी यंगर के घर श्री अम्मा अय्यप्पन यंगर का जन्म हुआ। चार साल की उम्र में इन्होंने तमिल फिल्म ‘कंधन करुनी’ बाल कलाकार के रूप में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की। फिर  हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में हवाहवाई गर्ल के नाम से मशहूर यह अभिनेत्री श्रीदेवी के नाम से प्रसिद्ध हुई।
श्रीदेवी ने  1975 की फिल्म ‘जूली’  से बाल अभिनेत्री के रूप में हिंदी सिनेमा में प्रवेश किया जिसके बाद बतौर मुख्य अभिनेत्री 1978 की ‘सोलहवां सावन’ से की परंतु इन्हें सफलता 1983 की ‘हिम्मतवाला’ से मिली। 1986 की ‘नगीना’ में नागिन की भूमिका के बाद 1987 की हिंदी भाषा की विज्ञान कथा फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ में हवाहवाई गर्ल अब भी प्रासंगिक है।
एक के बाद एक सुपर हिट महिला प्रधान फिल्मों की वजह से श्रदेवी को भारतीय सिनेमा की पहली ‘महिला सुपरस्टार’ कहा जाने लगा। इस अभिनेत्री ने पांच फिल्म फेयर अवार्ड अपने नाम किया।  इसके अतिरिक्त 2013 में भारत सरकार ने इन्हें पद्मश्री से विभूषित किया। इन्होंने तमिल, मलयालम, तेलुगू, कन्नड़ और हिंदी सिनेमाओं में काम किया है।
2005 में यह एक टीवी शो ‘काबूम’ में जज के रूप में शामिल हुई फिर 2012 में हिंदी सिनेमा ‘इंग्लिश विंग्लिश’ में नजर आई। इसके बाद 2017 में बतौर मुख्य कलाकार इनकी फिल्म ‘मॉम’ आई।  24 फरवरी 2018 को संयुक्त अरब अमीरात स्थित दुबई में इनका प्राणांत हो गया।
श्रीदेवी की जयंती पर पाठक मंच के कार्यक्रम इन्द्रधनुष की 791वीं कड़ी में मंच की सचिव शिवानी दत्ता की अध्यक्षता में यह जानकारी दी गई।
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