जिस सड़क को बनते देखने के लिये आंखें पथरा गईं, दादा, पिता इस आस में गुजर गये कि गांव से शहर के लिये पक्का रास्ता तैयार होगा, वह आखिरकार बन गया। मगर बनते के साथ लोगों की उम्मीद पर पानी भी फिर गया। दरअसल, झारखंड राज्य के खरसांवा प्रखंड में 14 किलोमीटर अंदर 4-5 गांव को जोड़ते हुए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पक्की सड़क निर्माण का काम चल रहा है, जिसमें गड़बड़ी की शिकायत स्थानीय ग्रामीण कर रहे हैं।
झारखंड के खरसांवा प्रखंड के गांव रायजामा टोला चेतनपुर में इकट्ठा होकर सड़क बनने में गड़बड़ी का विरोध कर रहे लोगों के अनुसार उनके यहां सड़क बनने में 50-60 साल लग गये। चारों चरफ जंगल एवं पहाड़ों से घिरे इन गांवों में लगभग 400 से 500 लोगों की आबादी है, जो मूलरूप से आदिवासी हैं। कठिन जीवन व्यतीत करते आ रहे इन लोगों को अब अपने दिन बदलने का बेसब्री से इंतजार है। इसी इंतजार में यह सड़क भी शामिल है, जिसके नहीं होने से अक्सर बच्चों को स्कूल जाने एवं बीमार को इलाज के लिये मशक्कत करनी पड़ती है।
ग्रामीणों के अनुसार वर्षों से इस कमी के चलते कई लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी है। ऐसे में जब लम्बे इंतजार के बाद सड़क बनने लगी तो ग्रामीणों की आंखों में अपने दुखों को कम करने की आस दिखने लगी, मगर इस लंबे इंतजार के बाद जो फल मिला वह काफी पीड़ा देने वाला है।
दुख एवं रोष के साथ इन ग्राणीणों ने इस खानापूर्ती के साथ बनी इस सड़क में गड़बड़ी की बात करते हुए एक मजबूत सड़क बनाने की मांग की है।
वाकई यह देश तब सुदृढ़ होगा जब सुदूर गांव में विकास की धारा बहेगी। लोगों में अपने अधिकारों को लेकर जागरूकता आयेगी। इसी जागरूकता के साथ खरसांवा प्रखंड के गांव रायजामा, टोला चेतनपुर में एकजुट होकर स्थानीय ग्रामीणों ने गड़बड़ी के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है। देखने वाली बात होगी कि उनकी इस शिकायत का हल उन्हें कब तक मिलता है।