कैसे शौहर जेल में होने के बावजूद चुनावी मैदान में उतरी बेगम शकीला ने जीतकर रचा इतिहास

चर्चित चेहरा

उषा पाठक

वरिष्ठ पत्रकार।

नयी दिल्ली,20 फरवरी 2023 (एजेंसी)। हौसले बुलंद हों तो समय को भी बदलना ही होता है। यह कहावत दिल्ली की सर्वाधिक महत्वपूर्ण सीलमपुर वार्ड संख्या 225 से निर्दलीय पार्षद बेगम शकीला अफजाल के जीवन में देखने को मिलता है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंद शहर के एक गरीब परिवार में जन्मी शकीला का निकाह 28 जून 1997 को आजादी की लड़ाई में विभिन्न जेलों में रहे लाल खान के परपोते अफजाल से हुआ। अफजाल अपने पर दादा के नक़्शे कदम पर चलने बाला व्यक्ति था,इस वजह से ही उन्होंने कम उम्र से राजनीतिक मामलों में रूचि लेना शुरू कर दिया था। वह जीवन यापन के लिए छोटा मोटा व्यवसाय भी करते थे,जो आज भी जीविकोपार्जन का साधन बना है।

बेगम शकीला के पति अफजाल ने वर्ष 2007 में कांग्रेस के खिलाफ विधान सभा का चुनाव लड़ा,उस वक्त कई प्रतिद्वंदी खड़े हो गए।  गुंडा एक्ट में जेल में बंद कर दिया गया। शौहर के जेल में रहने के दौरान बेगम शकीला ने वर्ष 2012 में बीएसपी की टिकट पर पार्षद का चुनाव लड़ा और पहली बार में ही जीत हासिल कर ली।  बेगम शकीला ने बताया कि वह उस समय राजनीति के बारे में कुछ नहीं जानती थीं। छोटे-छोटे बच्चे थे। घर की माली हालत ठीक नहीं थी। पति हाजी अफजाल को झूठे मामले में जेल भेज दिया गया था। हालत इतनी ख़राब थी क़ि बच्चों की जिम्मेदारी के साथ अदालती कार्रवाई का भी सामना करना पड़ रहा था।

उर्दू एवं अरबी भाषा की जानकार बेगम शकीला ने बताया कि इस चुनाव से पहले किसी ने सलाह दी कि अगर वह चुनाव जीत जायेगी तो उनके पति को शायद कुछ राहत मिल जाय। वह राजनीति से अज्ञान होने के बाबजूद इसमें कूद पड़ी। इस हालत की जानकारी बसपा के नेताओं को मिली। उन्होंने मुझे टिकट दे दिया। चुनाव प्रचार के दौरान वह अपने मासूम बच्चों को लेकर घर-घर गयीं। लोगों ने असीम प्यार दिया और वह पहली बार में पार्षद बन गयी। मजदूर एवं दूधिये स्व.हाजी जफरुद्दीन की सात औलादों में एक बेगम शकीला ने बताया कि पार्षद बनने के बाद उन्होंने निःस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा की। इस वजह से लोगों ने दूसरी बार वर्ष 2017 में भी उन्हें चुन लिया। तब तक पति हाजी अफजाल भी सजा पूरी कर जेल से छूटकर आ गए। इसके बाद घरेलू जिंदगी पटरी पर लौटने लगी और आज वह खुश हैं।

पार्षद शकीला कहती हैं कि वह रोज घरों में जाकर मिलती हैं। उन्होंने अपने इस कार्यकाल के दौरान इलाके की सफाई,सड़कों का निर्माण,पेयजल की व्यवस्था,स्कूलों एवं अस्पतालों के निर्माण कराये। गरीबों एवं असहायों को हर संभव मदद की। इसी वजह से लोगों ने उन्हें तीसरी बार वर्ष 2022 में भी मौका दिया है। बेगम शकीला ने बताया कि इस कार्यकाल में उनकी प्राथमिकताओं में इलाके में गैस पाईप लाईन एवं आईटीआई की स्थापना कराना है।इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री से गुहार लगायी है।एल.एस।

 

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