चिन्मय दत्ता, चाईबासा, झारखंड
1980 के दशक के अंत से 2000 के दशक की शुरुआत तक हिंदी सिनेमा के अग्रणी अभिनेत्रियों में से एक नाम जूही चावला का है। जूही चावला का जन्म 13 नवम्बर 1967 को हरियाणा स्थित अंबाला में भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी डॉक्टर एस. चावला के घर हुआ। इनकी माँ मोना चावला, ओबरॉय के हाउसकीपिंग डिपार्टमेंट में कार्यरत रही।
जूही ने मुंबई के फोर्ट कान्वेंट स्कूल में शिक्षा हासिल करने के बाद सिडेनहैम कॉलेज से मानव संसाधन विषय पर स्नातक किया। साल 1984 की मिस इंडिया सौंदर्य प्रतियोगिता में खिताब अपने नाम करने के बाद 1984 में ही मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ पोशाक का पुरस्कार भी जूही के नाम रहा। महज 18 साल की उम्र में जूही चावला ने 1986 की फिल्म ‘सल्तनत’ से अपने बॉलीवुड अभिनय करियर की शुरुआत की। उसके बाद शेक्सपियर के रोमियो और जूलियट के आधुनिक रूपांतर पर 1988 में बनी हिंदी सिनेमा की ऐतिहासिक फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ में सर्वश्रेष्ठ महिला पदार्पण के लिए इन्हें फिल्म फेयर पुरस्कार से विभूषित किया गया।
2004 में पंजाबी भाषा की फीचर ‘देस होया परदेस’ में अभिनय के लिए पंजाबी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार इन्होंने अपने नाम किया वहीं 2008 की फिल्म ‘भूतनाथ’ में अमिताभ बच्चन के साथ भूमिका के लिए लोकप्रियता हासिल करने के बाद 2016 में शबाना आजमी के साथ महिला केंद्रित नाटक ‘चाक इन डस्टर’ में अभिनय किया।
जूही चावला के जन्म दिवस पर पाठक मंच के इन्द्रधनुष कार्यक्रम के 751वीं कड़ी में मंच की सचिव शिवानी दत्ता की अध्यक्षता में यह जानकारी दी गई।