अमित तिवारी।
प्रश्न जीवन का आधार हैं। जीवन के विकास की सीढ़ी प्रश्न हैं। बच्चा प्रश्न करता है, तो बढ़ता है। बढ़ता है, तो उसके प्रश्न भी बढ़ते हैं। इसी तरह जीवन प्रश्नों की पतवार थामे चलता रहता है।
इसे थोड़ा सा पलटकर देखते हैं। वस्तुत: जीवन प्रश्नों से नहीं, अपितु उनके समाधान से आगे बढ़ता है। आप एक प्रश्न का समाधान पाते हैं, सीखते हैं और आगे बढ़ते हैं। आगे प्रश्न बदलता है, फिर समाधान मिलता है।
आप और आगे बढ़ते हैं।
इन दो बोझिल सी लगने वाली बातों से जो सूत्र मिलता है, वह क्या है? सूत्र यह है कि हर प्रश्न का समाधान है। असल में पहले समाधान ही आता है, उसके बाद प्रश्न बनते हैं। हर बच्चा अपने आसपास की परिस्थिति के अनुरूप ही प्रश्न करता है। अर्थात उसके आसपास की परिस्थितियों में छिपे हुए समाधान ही उसे प्रश्न रूप में दिखाई देते हैं। फिर जब प्रश्न सामने आ जाता है, तब कोई न कोई उसे समाधान बता देता है।
इस संसार में हम भी प्रकृति के रूप में विद्यमान अभिभावक और संरक्षक से प्रश्न पूछते हैं। फिर यही प्रकृति हमें किसी न किसी स्वरूप में समाधान देती है और हम आगे बढ़ जाते हैं। आवश्यकता मात्र यह समझने की है कि समाधान को आपके समक्ष रखने के लिए प्रकृति क्या माध्यम चयनित करती है।
प्रश्न और समाधान के संबंध को एक और आसान उदाहरण से भी समझ सकते हैं। किसी भी कक्षा में और किसी भी विषय में आप पहले एक पाठ पढ़ते हैं। उस पाठ के बाद ही उससे संबंधित प्रश्न आपके समक्ष रखे जाते हैं। यदि आप पाठ पढ़े बिना ही प्रश्नावली पर चले भी जाएं, तो पाठ का अस्तित्व समाप्त नहीं हो जाता है। असल में प्रश्नावली के हर प्रश्न का समाधान उस पाठ में किसी न किसी रूप में होता ही है।
इतने सामान्य उदाहरण के होते हुए भी एक पड़ाव पर आकर हमें बहुधा ऐसा प्रतीत होने लगता है कि जीवन में बहुत से प्रश्न अनुत्तरित हैं। वास्तविकता यह है कि हमने संभवत: उस प्रश्न से संबंधित पाठ पढ़ा नहीं होता। परंतु यह विश्वास मन में रखना चाहिए कि यदि जीवन ने कोई प्रश्न आपके समक्ष रखा है, तो उसके समाधान का पाठ भी कहीं न कहीं होगा। आपको पूरा पाठ न भी मिल पाए, तो भी समाधान तो मिल ही सकता है।
लेखक के बारे में – लेखक अमित तिवारी 10 वर्षों से अधिक समय से पत्रकारिता एवं लेखन क्षेत्र से जुड़े रहे हैं। जीवन से जुड़े विभिन्न विषयों वरन अध्यात्म, शिक्षा, तकनीक, आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में गहन जानकारी रखते हुए इन्होंने हमेशा जीवन को सकारात्मक दिशा की ओर मुड़ने के लिये लोगों को प्रेरित किया है। वर्तमान में यह एक प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्र में कार्यरत हैं।
(समाधान है… कॉलम में ऐसे ही अनुत्तरित लगने वाले प्रश्नों के समाधान पाने का प्रयास होगा। प्रश्न आप भी पूछ सकते हैं। प्रश्न जीवन के किसी भी पक्ष से संबंधित हो सकता है। प्रश्न भाग्य-कर्म के लेखा-जोखा का हो या जीवन के सहज-गूढ़ संबंधों का, सबका समाधान होगा। बहुधा विषय गूढ़ अध्यात्म की झलक लिए भी हो सकते हैं, तो कई बार कुछ ऐसी सहज बात भी, जिसे पढ़कर अनुभव हो कि यह तो कब से आपकी आंखों के सामने ही था। प्रश्न पूछते रहिए… क्योंकि हर प्रश्न का समाधान है।)