सिंधु तट के रेत – कण तेरा निमंत्रण हम न भूले हैं। गुजरते हैं तुम्हारे पास…
Category: साहित्य
जीना ज़रूरी है ——-
मीमांसा डेस्क। अक्सर मेरे अनुजों द्वारा मुझसे यह सवाल किया जाता है ,जब जीवन का उद्देश्य…
कविता ; मोहब्बत कभी खत्म नहीं होती — बस लोग मन से बदल जाते हैं
मीमांसा डेस्क। मोहब्बत कभी खत्म नहीं होती बस लोग मन से बदल जाते हैं। कभी…
साहित्यक रचनाएँ ; मृगतृष्णा
जीवन की मृगतृष्णा में मुझे मिल जाता है सचमुच सरोवर मैं प्यास भी अपनी बुझा…