कलयुगी राजनेता कल का भविष्य बताते हैं। भोली – भाली जनता को कोई दूजा अक्श…
Category: साहित्य
बहुत अब हो गया किस्सा रूठने मनाने का
बहुत अब हो गया किस्सा मनाने रूठ जाने का। फकत अब वक्त आया है किसी ताज़ा…
जिनकी मोहब्बत हमारे लिये कभी सहारा थी——– उसी ने हमें जिंदगी में अकेला छोड़ दिया ।
जिनकी मोहब्बत हमारे लिये कभी सहारा थी। उसी ने हमें जिंदगी के सफर पर आकर तन्हा…
उसको कामयाब बनाने की ख्वाहिश अधूरी थी मेरी
उसको कामयाब बनाने की ख्वाहिश अधूरी थी मेरी मेरी वह अधूरी इच्छा पूरी हुई । जब…
प्यार पाने के लिए होती है कविता
कभी क्रांति के गीत लिखती है कविता कभी देश और समाज के दिशा बोध की नई…
जीवन के रंग अलसाए हैं
तुम्हारे साथ न होने से समंदर के गहराई जैसा दर्द का एहसास सचमुच मेरा जीवन कितना…