जागरूक मतदाता

  कलयुगी राजनेता कल का भविष्य बताते हैं। भोली – भाली जनता को कोई दूजा अक्श…

जाने क्यूँ सच कभी – कभी

जाने क्यूँ सच कभी – कभी कमजोर सा मालूम होता है , मन मेरा भी कभी…

बहुत अब हो गया किस्सा रूठने मनाने का

बहुत अब हो गया किस्सा मनाने रूठ जाने का। फकत अब वक्त आया है किसी ताज़ा…

जिनकी मोहब्बत हमारे लिये कभी सहारा थी——– उसी ने हमें जिंदगी में अकेला छोड़ दिया ।

जिनकी मोहब्बत हमारे लिये कभी सहारा थी। उसी ने हमें जिंदगी के सफर पर आकर तन्हा…

मूर्ख बातूनी कछुआ

उदयराज सिंह एक तालाब में एक कछुआ रहता था , और उसी तालाब में दो हंस…

उसको कामयाब बनाने की ख्वाहिश अधूरी थी मेरी

उसको कामयाब बनाने की ख्वाहिश अधूरी थी मेरी मेरी वह अधूरी इच्छा पूरी हुई । जब…

बही लिखना , सनद लिखना

बही लिखना , सनद लिखना मेरी चाहत का कद लिखना। मेरी बातों को तुम कंकर और…

बस इतना हो , अच्छा हो

बस इतना हो , अच्छा हो उसको लिखना , उसको पढ़ना , उसमे होना , जी…

प्यार पाने के लिए होती है कविता

कभी क्रांति के गीत लिखती है कविता कभी देश और समाज के दिशा बोध की नई…

जीवन के रंग अलसाए हैं

तुम्हारे साथ न होने से समंदर के गहराई जैसा दर्द का एहसास सचमुच मेरा जीवन कितना…