मीमांसा डेस्क।
बड़ा या महान बनने के लिए त्याग ,
तपस्या , धीरज , उदारता और
सहनशक्ति की जरूरत होती है। विष को
अपने भीतर ही सहेजकर आश्रितों के
लिए अमृत देने वाले होने से और विरोधों ,
विषमतओं को भी संतुलित रखते हुए एक
परिवार बनाए रखने से शिव महादेव हैं।
आपके समीप पार्वती का शेर , आपका
बैल , शरीर के सांप , कुमार कार्तिकेय का
मोर , गणेश जी का मूषक , विष की अग्नि
और गंगा का जल , कभी पिनाकी धनुर्धर
वीर तो कभी नरमुण्डधर कपाली , कहीं
अर्धनारीश्वर तो कही महाकाली के पैरों
में लुण्ठित , कभी सर्वधनी तो कभी
दिगम्बर , निर्माणदेव भव और संहारदेव
रूद्र , कभी भूतनाथ कभी विश्वनाथ आदि
सब विरोधी बातों का जिनके प्रताप से
एक जगह पावन संगम हो , वे ही तो देवों
के देव महादेव हो सकते हैं।