मीमांसा डेस्क।
नई दिल्ली, 12 फरवरी, 2024। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में लगभग 63 मिलियन लोग महत्वपूर्ण सुनने की समस्या से पीड़ित हैं, जिसके प्रभावी समाधान की आवश्यकता है। इसे देखते हुए हियरिंग हेल्थ के क्षेत्र में नेतृत्व करने वाली कंपनी स्टार्की(Starkey) ने भारत में सुनने की कई प्रकार की समस्याओं के अत्याधुनिक उपकरण जेनेसिस एआई(Genesis AI) हियरिंग एड के लॉन्च की घोषणा की है।
भारत में जेनेसिस एआई को लॉन्च करते हुए, स्टार्की के अध्यक्ष और सीईओ ब्रैंडन सावालिच ने कहा कि, “हम भारत में मरीजों और हियरिंग केयर विशेषज्ञों के लिए जेनेसिस एआई को पेश करने के लिए उत्साहित हैं। जेनेसिस एआई के साथ, हमने उम्मीद से अधिक कान के मशीन की क्षमता को बढ़ाया है। यह हियरिंग तकनीक के क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी प्रगति है, जिसने कान की मशीनों को सिंगल-फंक्शन लिसनिंग इन्हेसमेंट डिवाइस से ज्यादा असरदार, विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी और कम्युनिकेशन टूल्स में बदल दिया है। नई तकनीक पहले से ही अमेरिका, कनाडा, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में लोगों का जीवन बदल रही है और अब, हम भारत में इसके लॉन्च को लेकर बहुत उत्साहित हैं।”
 जेनेसिस एआई की प्रमुख विशेषताओं में एक उन्नत स्टार्की न्यूरो साउंड प्रोसेसर, एक लंबे समय तक चलने वाली रिचार्जेबल बैटरी, इंटीग्रेटेड स्वास्थ्य ट्रैकिंग सेंसर, एज मोड+ के साथ उन्नत साउंड प्रोसेसिंग, एर्गोनोमिक डिज़ाइन और आरामदायक फिट शामिल हैं।
जेनेसिस एआई की प्रमुख विशेषताओं में एक उन्नत स्टार्की न्यूरो साउंड प्रोसेसर, एक लंबे समय तक चलने वाली रिचार्जेबल बैटरी, इंटीग्रेटेड स्वास्थ्य ट्रैकिंग सेंसर, एज मोड+ के साथ उन्नत साउंड प्रोसेसिंग, एर्गोनोमिक डिज़ाइन और आरामदायक फिट शामिल हैं।
स्टार्की के मुख्य टेक्नोलॉजी ऑफिसर और ईवीपी (इंजीनियरिंग) डॉ. अचिन भौमिक ने कहा कि, “जेनेसिस एआई वर्षों के रिसर्च और इनोवेशन का परिणाम है, जो सुनने की समस्या से पीड़ित व्यक्तियों के जीवन को बेहतर बनाने की हमारी प्रतिबद्धता से प्रेरित है।” डॉ. भौमिक ने कहा कि, “जेनेसिस एआई में उन्नत स्टार्की न्यूरो प्रोसेसर है, जो छह गुना ट्रांजिस्टर और पिछली जनरेशन की मशीनों की तुलना में चार गुना अधिक स्पीड का दावा करता है। यह अत्याधुनिक प्रोसेसर बेहतरीन साउंड प्रोसेसिंग और स्पष्टता प्रदान करता है।‘’
भारत में, 75वें नेशनल सैंपल सर्वे (एनएसएस) (2017-2018) की रिपोर्ट के अनुसार, जनसंख्या के 0.3% लोगों में सुनने की समस्या का अनुमान लगाया गया था। उनमें से लगभग 49.8% ने केवल तेज़ आवाज़ें सुनने या बिल्कुल भी सुनने में असमर्थता की जानकारी दी। स्टार्की का लक्ष्य बहरेपन को खत्म करना, बहरेपन के बोझ को 1% से कम करना और सुनने की समस्या से पीड़ित लोगों को आर्थिक और सामाजिक रूप से बेहतर जीवन जीने के लिए सशक्त बनाना है।
गौरतलब है कि स्टार्की अपने इनोवेटिव डिजिटल हियरिंग सिस्टम के लिए जाना जाता है। स्टार्की का मिशन उत्कृष्टता और इनोवेशन के माध्यम से सुनने की समस्या से पीड़ित लोगों के जीवन में सुधार लाना है।
