देश में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु दर में आई कमी

मीमांसा डेस्क।

सड़क दुर्घटना होने के कई कारण होते हैं, जिनमें रफतार के साथ गाड़ी चलाना, गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग करना, शराब या अन्य नशे का सेवन करके गाड़ी चलाना, गलत साइड लेन में चलना, लाल बत्ती जंप करना, हेलमेट और सीट बेल्ट का इस्तेमाल नहीं करना, गाड़ी का फिटनेस सही नहीं होना, मौसम एवं सड़क की बुरी स्थिति के अलावा चालक, साइकिल चालक और पैदल यात्री शामिल हैं।

हालांकि बीते वर्षों की तुलना में देश में सड़क दुर्घटनाओं में उल्लेखनीय रूप से कमी दिख रही है, जिसका उल्लेख आंकड़ों में किया गया है। राज्यसभा में केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने  एक लिखित उत्तर में बताया कि इंटरनेशनल रोड फेडरेशन द्वारा प्रकाशित वर्ल्ड रोड स्टैटिस्टिक्स, 2022 के मुताबिक सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक मृत्यु दर वेनेजुएला में है, जहां एक लाख की जनसंख्या पर 39.4 लोग सड़क दुर्घटना में मरते हैं, वहीं यह आंकड़ा भारत में 9.5 व्यक्तियों की है।

हालांकि केंद्र सरकार मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत नियम बनाती है, इन नियमों को लागू करना राज्य सरकारों/केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन के क्षेत्राधिकार में आता है। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस विभागों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, मंत्रालय ने भारत में सड़क दुर्घटनाओं, 2022 पर रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें वर्ष 2013 से लेकर 2022 तक के क्रमवार आंकड़ों को दिखाते हुए इसमे कमी की बात की गई है।

रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, नगालैंड और केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या2021 में दर्ज सड़क दुर्घटनाओं की संख्या की तुलना में कम थी।

 

 

 

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