अपनी परंपरा को आगे बढ़ाने में सुखद अनुभूति होती है- हेमन्त सोरेन, मुख्यमंत्री

चिन्मय दत्ता।

करम टोली स्थित आदिवासी बालक – बालिका छात्रावास में आयोजित सरहुल पर्व महोत्सव -2022 में शामिल हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अपनी सभ्यता, संस्कृति और परंपरा को आगे बढ़ाने में सुखद अनुभूति होती है। हम जहां भी हैं, वहां सभी के साथ मिलकर अपनी परंपरा और संस्कृति को आगे बढ़ाते हैं। आदिवासी हमेशा से द्वेष और घृणा से कोसों दूर हैं। मुख्यमंत्री ने कहा सभी लोग अपनी परंपरा और संस्कृति को बचाने के लिए एकजुट होते रहते हैं। हमें भी आदिकाल से चली आ रही परंपरा को अक्षुण्ण रखने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कि कल्याण विभाग द्वारा संचालित हॉस्टल्स का जीर्णोद्धार कर हॉस्टल की सभी खामियों को दूर किया जा रहा है। अब इन बालक – बालिका छात्रावास में रसोईया और चौकीदार की व्यवस्था होगी। यहां रहने वाले स्टूडेंट्स को भोजन भी सरकार उपलब्ध कराएगी। हॉस्टल को नया स्वरूप देने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार ने आदिवासी बच्चियों के लिए हॉस्टल बनाने का निर्णय लिया गया है, ताकि उन्हें शहर आकर पढ़ाई करने में असुविधा ना हो।

इसके साथ ही हेमंत सोरेन सिरम टोली स्थित केंद्रीय सरना स्थल में आयोजित कार्यक्रम में भी शामिल हुए और सरना स्थल के जीर्णोद्धार का संकल्प लिया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि हमारे मार्ग दर्शक रामदयाल मुंडा जी का कथन था “हम आदिवासियों का चलना ही नृत्य और बोलना ही संगीत है।” हम सब आज यहां आज जुटे हैं। हमारी विचारधारा हमलोगों को खूबसूरत और सौहार्द पूर्ण जीवन जीने का संदेश देता है। अपनी परंपरा और संस्कृति को अक्षुण्ण रखने का प्रयास करना है। जल, जंगल और जमीन हमारा है। इसे बचाना है। हमें अपनी परंपरा और संस्कृति को सहेजने में योगदान देना है। अपनी व्यवस्था को भी मजबूत करना है।

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