Spinal Cord Injury Day: दिल्ली में हुआ व्हीलचेयर रैली का आयोजन, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट और डीजीएचएस के साथ तीन सौ से अधिक प्रतिभागी हुए शामिल

नई दिल्ली, 6 सितम्बर 2025।

5 सितंबर को स्पाइनल कॉर्ड इंजरी डे के मौके पर दिल्ली के पश्चिम विहार में श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट, ने 14 राष्ट्रीय सोसाइटियों के साथ मिलकर एवं भारत सरकार के डीजीएचएस (Director General of Health Services) के सहयोग से एक विशाल व्हीलचेयर रैली का आयोजन किया। इस रैली में 300 से अधिक लोगों ने भाग लिया, जिनमें 100 से ज्यादा व्हीलचेयर यूज़र्स थे।

इस पहल का उद्देश्य स्पाइनल कॉर्ड इंजरी की रोकथाम, जागरूकता बढ़ाना और प्रभावित लोगों के पुनर्वास व सामाजिक समावेशन को प्रोत्साहित करना था। इस वर्ष की थीम — गिरने से बचाव, स्पाइनल कॉर्ड की सुरक्षा पर केंद्रित रही। ह्वीलचेयर्स रैली में व्हीलचेयर डांस, नुक्कड़ नाटक और व्हीलचेयर क्रिकेट कार्यक्रम का आयोजन किया गया जो ह्वीलचेयर्स पर रहने वालों के जीवन को उत्साहित करने एवं आम लोगों को स्पाइनल कॉर्ड इंजरी से बचाने के संदेश के लिये प्रभावी रहा।

इस जागरूकता कार्यक्रम में मौके पर क्षेत्रीय विधायक और हाल ही में डिसएबिलिटी के चेयरमेन बने करनैल सिंह ने पहुंचकर कार्यक्रम की सराहना की और दिव्यांगों के लिये कुछ घोषणाएं भी की, जिनमें पैरालंपिक खेलों में उनकी भागीदारी को बढ़ाने के प्रयास के साथ सार्वजनिक जीवन में अधिकतम सुविधा मुहैया कराना शामिल है।

इस अवसर पर श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट, दिल्ली के स्पाइन एवं रिहैबिलिटेशन, डॉयरेक्टर डॉ. एच.एस. छाबड़ा ने कहा कि, “स्पाइनल कॉर्ड इंजरी किसी को भी, कहीं भी हो सकती है और इसके परिणाम जीवन बदल देने वाले होते हैं। दुर्भाग्य से हमारे समाज में इसकी रोकथाम और पुनर्वास को लेकर जागरूकता बहुत कम है।

व्हीलचेयर रैली जैसे प्रयासों के ज़रिए हम यह मजबूत संदेश देना चाहते हैं कि स्पाइनल कॉर्ड इंजरी रोकी जा सकती है और सही देखभाल, तकनीक और सहयोग से प्रभावित व्यक्ति भी सार्थक और उत्पादक जीवन जी सकता है। हमारा ध्यान गिरने से बचाव, सड़क सुरक्षा और समय पर इलाज पर, साथ ही पहले से प्रभावित लोगों को सक्षम और आत्मनिर्भर बनाने पर होना चाहिए ।”

भारत में हर साल लगभग 1.5 लाख नए मामले सामने आते हैं। ऐसे अभियानों का उद्देश्य सिर्फ़ चोटों की रोकथाम नहीं है, बल्कि प्रभावित व्यक्तियों के व्यापक पुनर्वास और उन्हें समाज में दोबारा शामिल करने को भी बढ़ावा देना है। यह आयोजन एक महत्वपूर्ण संदेश था कि रोकथाम, सहयोग और नवाचार की हर कोशिश स्पाइनल कॉर्ड इंजरी से पीड़ित व्यक्ति की ज़िंदगी बदल सकती है।

 

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