लगातार हंगामे की भेंट चढा लोकसभा का मानसून सत्र, केवल 37 घंटे के कामकाज के साथ अनिश्चित काल के लिये हुआ स्थगित

डॉ.समरेंद्र पाठक

वरिष्ठ पत्रकार।

नयी दिल्ली।

 

21 जुलाई से शुरू हुआ लोकसभा का मानसून सत्र 21 अगस्त को अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गया। पूरे सत्र के दौरान विपक्षी दलों के लगातार हंगामे एवं विरोध-प्रदर्शन  से संसद का माहौल गर्म रहा।

सत्र के अंतिम दिन भी सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होते ही विपक्षी सांसदों के विरोध और हंगामें के चलते कुछ देर बाद ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी।

इस सत्र के दौरान विपक्षी सांसद बिहार की मतदाता सूची संशोधन (एसआईआर) पर विस्तृत चर्चा की मांग करते रहे। विपक्ष ने भाजपा और चुनाव आयोग पर मतदाता सूची में हेरफेर की साजिश का भी आरोप लगाया। सदन के भीतर और बाहर इसी मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की।

सत्र के आखिरी दिन अपने समापन भाषण में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में लगातार और नियोजित व्यवधानों पर क्षोभ व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि लोकसभा या संसद परिसर में नारेबाजी, तख्तियां दिखाना और नियोजित व्यवधान संसदीय कार्यवाही की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि जनता को अपने प्रतिनिधियों से बहुत उम्मीदें होती हैं, इसलिए उन्हें सदन में अपने समय का सदुपयोग जनहित की समस्याओं एवं मुद्दों तथा महत्वपूर्ण विधेयकों पर गंभीर और सार्थक चर्चा के लिए करना चाहिए।

उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान उन्होंने सभी राजनीतिक दलों के सदस्यों को सदन में बोलने और महत्वपूर्ण विधेयकों एवं जनहित के मुद्दों पर चर्चा करने के पर्याप्त अवसर दिए। हालांकि लगातार गतिरोध दुर्भाग्यपूर्ण रहा।

ओम बिरला ने बताया कि सत्र की कार्यसूची में 419 तारांकित प्रश्न शामिल किए गए थे, लेकिन व्यवधानों के कारण केवल 55 प्रश्नों के ही मौखिक उत्तर दिए जा सके।

उन्होंने बताया कि हालांकि सत्र की शुरुआत में सभी दलों ने यह निर्णय लिया था, कि इस सत्र में120 घंटे चर्चा और संवाद करेगा तथा कार्यमंत्रणा समिति भी इससे सहमत थी, लेकिन लगातार गतिरोध के कारण इस सत्र में मात्र 37 घंटे ही कामकाज हो पाया।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने यह भी बताया कि सत्र के दौरान 14 सरकारी विधेयक पेश किए गए और 12 विधेयक पारित किए गए। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा 28 जुलाई को शुरू हुई और 29 जुलाई को प्रधानमंत्री के उत्तर के साथ इसका समापन हुआ। 18 अगस्त को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की उपलब्धियों पर एक विशेष चर्चा शुरू की गई।

 

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