रक्षा मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय ने मिलकर यह निर्णय लिया है कि राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर अब स्कूलों के बैंड बारी-बारी से नियमित तौर पर प्रस्तुति देंगे। इसके लिये शिक्षा मंत्रालय ने सीबीएसई को शिक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय राज्य राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के परामर्श से स्कूलों के बैंडों की एक सूची तैयार करने का निर्देश दिया है।
स्मारक की पवित्रता को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय युद्ध स्मारक एवं संग्रहालय निदेशालय, एकीकृत रक्षा सेवा मुख्यालय के समन्वय से बैंड का स्थान, थीम, धुन आदि तय किया जा सकता है।
शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों के शिक्षा विभागों से इस नियमित कार्यक्रम के हिस्से के रूप में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक एवं संग्रहालय, एकीकृत रक्षा सेवा मुख्यालय के समन्वय से प्रस्तुति करने के लिए अपने संबंधित राज्यों के स्कूलों से एक बैंड का चयन करने का अनुरोध किया है। सीबीएसई रक्षा मंत्रालय के सहयोग से सभी स्कूलों के साथ समन्वय स्थापित करेगा।
इस पहल का उद्देश्य स्कूली बच्चों में देशभक्ति, कर्तव्य के प्रति समर्पण, साहस और बलिदान के मूल्यों को जगाना और लोगों, विशेषकर युवाओं की भागीदारी को बढ़ाना है, ताकि वे प्रतिष्ठित युद्ध स्मारक से जुड़े विभिन्न पहलुओं का अनुभव कर सकें।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 फरवरी, 2019 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक राष्ट्र को समर्पित किया था।