पहली बार भारतीय न्याय संहिता, 2023 में महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध से संबंधित प्रावधानों को प्राथमिकता दी गई है। इसके अंतर्गत महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के लिए मृत्युदंड तक की कड़ी सज़ा का प्रावधान किया गया है।
वहीं, 18 वर्ष से कम उम्र की महिला के साथ सामूहिक बलात्कार के लिए आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रावधान है। विवाह, रोजगार, पदोन्नति जैसे झूठे वादे करके या अपनी पहचान छिपाकर यौन संबंध बनाने को भी अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है।
इसके साथ मानव तस्करी के अपराध और मानव तस्करी के शिकार बच्चों के यौन शोषण के लिए आजीवन कारावास तक की कठोर सजा का प्रावधान है।
बच्चों की तस्करी जैसे अपराधों में कम से कम 10 वर्ष के कारावास जैसे दंड शामिल हैं, जिसे आजीवन कारावास और जुर्माने तक बढ़ाया जा सकता है।
गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री बंङी संजय कुमार ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उपर्युक्त जानकारी देते हुए यह भी बताया कि भारतीय न्याय संहिता, 2023 में ‘भिक्षावृत्ति’ को तस्करी के लिए शोषण के एक रूप के रूप में प्रस्तुत किया गया है और यह भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 143 के तहत दंडनीय है।
किसी अपराध को करने के लिए बच्चे को काम पर रखने या नियुक्त करने के कार्य को भी दंडनीय बना दिया गया है।