स्वाध्याय

 

तुम्हे कोई अधिकार नहीं है
दूसरों के बारे में

कुछ भी कहने का
कुछ भी लिखने का

अपने बारे में
बस एक बार लिखो।

फिर उसको पढ़ो
ईमानदारी से।

और तब यदि
बच जाओ तुम

आत्महत्या करने से
तो तुम सफल हो

एक लेखक व पाठक
दोनों के रूप में

पर मैं जानता हूँ
तुम दूसरों के बारे में ही

लिखोगे , कहोगे ,
क्योंकि तुम जीना चाहते हो।

और शायद जीना
जानते भी हो।

उपयुक्त पक्तियां इन्द्रधनुष पुस्तक बी एन झा द्वारा द्वारा लिखी गई हैं।