न्यूटन ने ठीक कहा था
धरती में आकर्षण शक्ति है
जो हर चीज़ व हर प्राणी को
ऊपर जाने से रोकती है।
अपनी और खींचती है।
इसलिए धरती पर व्याप्त
लोभ, मोह,
काम, क्रोध,
ईर्ष्या, द्वेष,
जाल, फरेब,
बेईमानी, शैतानी,
आदि दुर्गुणों से
जब भी ऊपर उठना
चाहता हूँ मैं
तो जल्द ही यह आकर्षण
मुझे नीचे गिरा देता है।
इतनी बार इस अदृश्य शक्ति ने
पटका है मुझे
कि अब निष्चेष्ट हो गया हूँ।
इनमें सटा रह गया हूँ।
और इनसे छुटकारा पाने हेतु
स्वयं उठना पड़ता है।
इसलिए हवाई जहाज़
या राकेट जैसे वाहन की
मदद लेना
व्यर्थ दिखता है।
उपयुक्त पंक्तियां स्व. विनोदा नन्द झा की लिखित पुस्तक इन्द्रधनुष से ली गई है।