एक बच्चे का अधूरा सपना

 

पूजा पपनेजा।

कुछ कहानियाँ ऐसी होती है जो किसी के भी दिल को छू जाए तो आज हम आपसे एक ऐसी ही कहानी के बारे मे चर्चा करने वाले है। ये कहानी विकास महरोलिया की है। आपको बता दें कि ये दिल्ली मे अलीपुर के रहने वाले है उनकी उम्र मात्र 27 साल है वैसे विकास पढ़ाई मे भी काफी होशियार थे विकास महरोलिया का भी एक सपना था कि वह बड़े होकर आर्मी ऑफिसर बने।

लेकिन विकास महरोलिया का यह सपना अधूरा रह गया था क्योकि विकास ने बहुत छोटी सी उम्र मे ही अपने पिता को खो दिया था जिसके बाद विकास को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा था उसका यह सपना अधूरा रह गया था लेकिन किस्मत फिर भी उससे दुबारा चांस देती है, तब भी वह इस फील्ड मे नहीं जा पाता। क्योकि उसके ऊपर अपने परिवार की ज़िम्मेदारी होती है इसलिए वह अपने सपने का त्याग कर देता है ।

लेकिन उसके बाद वह एक नए रास्ते की तलाश करता है जिसमे वह ब्लड डोनेशन को जॉइन करता है और लाखो लोगो की मदद करता है लेकिन उसके अंदर देशभक्ति की भावना फिर भी दिखाई देती है ।

क्योकि उसका मानना है कि मैं देश के लिए तो कुछ नहीं कर सका लेकिन मुझे वही भावना ब्लड डोनेशन मे लोगो के लिए रखनी है । और बाक़ी लोगो को भी इसके लिए प्रेरित करना है वैसे विकास ब्लड डोनेशन मे भी सबसे आगे रहते है।
ये एक कहानी नहीं है बल्कि एक ऐसे बच्चे की कहानी है जो अपनी ज़िन्दगी मे कुछ करना चाहता था लेक़िन उसका यह सपना अधूरा ही रह जाता है फिर वह एक रास्ते की तलाश कर लेता है जिसमे वह लोगो की मदद करता है।

लेकिन कही ना कही आज भी उसके मन मे यह बात है कि उसका सपना कही ना कहीअधूरा रह गया है।

इसलिए हमें इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि जैसे उस बच्चे ने छोटी सी उम्र मे अपने पिता को खो दिया उसके ऊपर अपने परिवार की ज़िम्मेदारी पड़ गई फिर उसके बाद उसने अपना सपना भी खो दिया तो आप इस बात से ही अंदाज़ा लगा सकते है कि उस बच्चे मे कितनी हिम्मत होगी जिसने इतना कुछ झेला है वरना हम छोटी छोटी चीज़ो को भी झेल नहीं पाते है इसलिए कहते है कि हर इंसान को अपनी बुरी परस्थिति मे हिम्मत को बांधे रखना चाहिए ताकि कितनी ही बुरी विपदा आए तब आप उससे लड़ सके।