पूजा पपनेजा।
दुनिया मे कुछ ऐसी कहानियाँ होती है जो लोगो के दिल को छू जाती है आज हम आपसे एक ऐसी कहानी के बारे मे चर्चा करने वाले है जो ना कि दिलचस्प है बल्कि वो आपके दिल को भी छू जाएगी। क्योकि ये कहानी एक स्पेशल चाइल्ड बच्ची की है जो दिल्ली के चंद्र विहार की रहने वाली है उसकी उम्र 22 वर्ष है उसका नाम मुस्कान है। वह एक स्पेशल बच्ची है और अपनी ज़िन्दगी मे वह बहुत खुश रहती है।
उसका मानना है कि ज़िन्दगी मे कोई भी समस्या बड़ी नहीं है क्योंकि उसकी चेहरे की मुस्कान ही उसके सभी ग़मो को खत्म कर देती है। जिससे उसके माँ बाप को इस बात का अहसास नहीं होता कि वह एक स्पेशल बच्ची है। खैर कहानी की शुरुआत उसके बचपन से करते है।
जब उस बच्ची का जन्म हुआ तो डॉक्टर्स ने उनके माँ बाप को बताया कि वह एक स्पेशल बच्ची है उस बच्ची के माता – पिता ने उस बात पर इतना ध्यान नहीं दिया । बल्कि उन्होने अपनी बच्ची को पूरा प्यार दिया उसकी हर ज़रूरत को भी समझा और आज भी उसके माता पिता उसकी हर ज़रूरत को समझते है ।
जैसे जैसे वो बच्ची बड़ी हुई तो लोगो ने उसको अहसास कराना शुरू कर दिया कि वह एक स्पेशल चाइल्ड है । इसके साथ ही उसके आस- पास के लोगो ने भी उसका इसी वजह से बहुत मजाक बनाना शुरू कर दिया था । लेकिन उस बच्ची की हिम्मत थी कि उसने अपने साथ होने वाली हर चीज़ का डटकर जवाब दिया। अपने चेहरे पर अपनी प्यारी सी मुस्कान से आस- पड़ोस के सभी लोगो का दिल भी जीता।
इस कहानी मे सबसे ख़ास बात तो ये थी कि वो बच्ची अपनी हर परस्थिति का डटकर सामना करती है और आजकल हमें ज़रा सी चोट लगती है तो हम रोने लगते है बल्कि उस बच्ची की हिम्मत को देखिये कि वो ये जानती है कि वह एक स्पेशल बच्ची है फिर भी उसके चेहरे पर मुस्कान बनी हुई है। इसलिए हर माँ बाप को अपने स्पेशल बच्चे से प्यार करना चाहिए क्योकि एक नार्मल बच्चा उतनी बात नहीं समझ पाता जितना की एक स्पेशल बच्चा आपकी बात को जल्दी समझ जाता है।
ये कहानी हम सबको सोचने पर मजबूर करती है हमारी सोच मे एक नया बदलाव लाती है क्योकि हमारे समाज मे अक्सर माँ बाप को स्पेशल बच्चे बोझ लगते है जबकि आज के समय मे स्पेशल बच्चे नार्मल बच्चो से ज्यादा बात को समझते है।
इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि जिस तरह मुस्कान के माँ बाप ने अपनी स्पेशल बच्ची की बहुत कद्र करते है वैसे ही हर माँ – बाप को अपने स्पेशल बच्चे की कद्र करनी चाहिए ।
क्योकि ऐसे बच्चे सिर्फ प्यार के भूखे होते है इसलिए हर माता – पिता को मुस्कान के माता – पिता जैसी सोच रखनी चाहिए ताकि समाज के लोगो की सोच मे भी बदलाव आ सके।