नेताजी मंच पर पधारे दान का प्रतिदान है ।
जोर से पुकारे मै भी आशावान हूँ।
बहनों और भाइयों पर नहीं धैर्यवान हूँ ।
आपकी कृपा से ही इस हाथ देता तो ।
शासन मे आया हूँ उस हाथ लेता हूँ।
मंत्री पद पाया हूँ इसलिए आया हूँ।
देता हूँ आश्वासन आपके मै सामने ।
मिलेगा राशन कविता के बदले में ।
सेवक हूँ आपका आपसे कुछ माँगने ।
आपके पेट के लिए गीतों से आपकी ।
भविष्य में भी इच्छा है झोली दूँगा भर ।
राशन का देता रहूँ आश्वासन ऐसी सुनाऊंगा ।
और बुद्धि के विकास हेतु मिज़ाज कर दूँगा तर ।
करता रहूँ भाषण आशा ही नहीं ।
पर इनके बदले मे पूरा विश्वास है ।
अर्ज है आप से कि बदले मे आप भी ।
इतनी कृपा करें फेकेंगे मंच पर ।
पाँच साल बाद भी पके पके संतरे ।
वोट दें मुझे ही व ताज़े टमाटर ।
नेता के बाद और मेरे पाँव का ।
कवि महोदय पधारे नम्बर है सात ।
मंच से दहाड़े भूल से न फेकना ।
बहनों और भाइयों पाँच या आठ ।
नेता हमारे बड़े आशावान है फ्लैक्स हो या बाटा ।
और धैर्यवान हैं सिंगल ही फेककर ।
पाँच बरस बाद चाहते लगाना नहीं घाटा।
उपयुक्त पंक्तियां स्व. विनोदा नन्द झा की लिखित पुस्तक इन्द्रधनुष से ली गई है।