इशित कुमार
रविवार को देर रात में खेला जा रहा था फुटबॉल जगत का सबसे बड़ा मैच जिसे हम “एल क्लासिको” के नाम से जानते हैं। इस बार बार्सिलोना और रियल मैड्रिड का मुकाबला सिर्फ इज्जत का नहीं था पर इस बार सुपर कोपा की ट्रॉफी भी दाव पर थी।
दोनों ही टीम सेमीफाइनल में अपने मुकाबले जीतने आई थी जहां बार्सिलोना ने बिलबाओ को हराया था तो मैड्रिड ने मलोरका को हराया। यह मुकाबला इस सीज़न में हम पहले ला लीगा में भी देख चुके हैं, जहां बार्सिलोना ने एक तरफा मैड्रिड को 4-0 से हराया था, तो वहीं, मैड्रिड बदले की भावना से भी उतरा था।
मैच शुरू होने पर बार्सिलोना ने पहला मौका बनाया। मैड्रिड के किलियन म्बाप्पे ने, तेरह पर पहला गोल दागा, जहां उन्होंने मिडफील्ड से एक बहुत अच्छा रन बनाया और खुद ही फिनिश भी किया। पहला लक्ष्य स्वीकार करने के बाद भी बार्सिलोना के कंधे नहीं झुके और उन्हें जल्द ही 17 साल के लामिन यमल के रूप में बराबरी कर ली।
इसके बाद मैड्रिड के कैमाविंगा ने बॉक्स में बार्सिलोना के गावी पर फाउल कर दिया जिसकी वजह से बार्सिलोना को एक पेनल्टी मिली जिसे लेवांडोव्स्की ने कन्वर्ट कर दिया और बार्सिलोना को मैच में आगे कर दिया।
इसके तुरंत बाद ही कोंडे के एक सटीक लॉन्गबॉल पर राफिन्या ने हेडर मार कर स्कोर 3-1 कर दिया और हाफ के बिल्कुल अंत में बलदे को असिस्ट करके स्कोर 4-1 भी कर दिया। दूसरे हाफ में भी कहानी कुछ बदली नहीं क्योंकि राफिन्या ने शुरुआत के ही मिनटों में एक और गोल दाग कर मैच को 5-1 कर दिया।
यह स्कोरलाइन मैड्रिड के लिए और भी शर्मनाक हो सकती थी अगर बार्सिलोना के गोलकीपर बॉक्स के बाहर एमबीप्पे को फाउल करके रेड कार्ड ना लेते। उस फाउल से मिली फ्रीकिक को रोड्रिगो ने गोल में बदला और मैच को 5-2 कर दिया। पर 10 खिलाड़ियों के साथ भी बार्सिलोना ने मैच का कंट्रोल अपने हाथ से नहीं जाने दिया और 5-2 की स्कोरलाइन के साथ मैड्रिड को हराकर बन गए सुपर कोपा चैंपियंस।