दिल्ली में यू.सी.एम.ए.एस इंटरनेशनल प्रतियोगिता 2024 का आयोजन किया गया जिसमें भारतीय छात्रों ने अपनी असाधारण कौशल क्षमता का प्रदर्शन करके विश्व पटल पर अपना दबदबा कायम किया।
यू.सी.एम.ए.एस इंटरनेशनल प्रतियोगिता, दुनिया की सबसे बड़ी अबेकस और मेंटल अर्थमैटिक प्रतियोगिता है, जिसे दूसरी बार आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम दो दिनों तक चला, जिसमें 30 देशों के 6,000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में दुनिया भर से आए छात्रों ने गणित के प्रश्नों को हल करने की अद्भुत क्षमता का प्रदर्शन किया।
छात्रों के साथ-साथ इस कार्यक्रम में 15,000 से भी अधिक अन्य लोग, समर्थक व उनके माता-पिता शामिल हुए। इस कार्यक्रम में भारत के 24 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिभागियों ने भी हिस्सा लिया और छात्रों को 10,000 से अधिक ट्रॉफी देकर उनकी असाधारण योग्यता का सम्मान किया गया।
गौरतलब है कि यह प्रतियोगिता 6 से 13 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के लिए आयोजित की गई थी, जिसमें सबसे ज़्यादा पुरस्कार जीत कर भारत ने अपना दबदबा कायम किया है। दुनिया और भारत के विभिन्न हिस्सों के शीर्ष कलाकारों ने अपने असाधारण कौशल के लिए 1,250 से अधिक ट्रॉफियां जीतीं।
दिल्ली में वैश्विक स्तर पर आयोजित यह कार्यक्रम छात्रों के मानसिक विकास को और बढ़ाने के प्रति यू.सी.एम.ए.एस की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में अबैकस और मेंटल अर्थमैटिक की तकनीकों से और क्या बेहतर कर सकते हैं, यह हौसला बढ़ाना था।
पत्रकारों से बात करते हुए, यूसी इंटरनेशनल कॉरपोरेशन के सीईओ एलेक्सन वोंग ने कहा कि, “यू.सी.एम.ए.एस प्रतियोगिता अपने आप में बहुत ही प्रभावशाली प्रतियोगिता बन गई है, जिसमें वैश्विक स्तर पर इतने सारे छात्र मेंटल अर्थमैटिक की शक्ति का प्रदर्शन करने के लिये एक साथ एकत्रित हुए। यह प्रतियोगिता न सिर्फ उनकी बौद्धिक क्षमता की परीक्षा लेती है बल्कि उनकी रचनात्मकता को और बढ़ाने का भी प्रयास करती है।
इस प्रतियोगिता में छात्रों को केवल अबैकस या मेंटल मैथ तकनीकों का उपयोग करते हुए 8 मिनट में 200 गणितीय सवाल हल करने थे। यह न केवल उनकी गणितीय दक्षता का प्रमाण है, बल्कि उनकी विजुअल मेमोरी, फोकस और समग्र शिक्षा उत्कृष्टता का भी प्रमाण है।
इस आयोजन के महत्व पर बात करते हुए, यू.सी.एम.ए.एस इंडिया के सी.ई.ओ और अध्यक्ष डॉ. स्नेहल करिया ने कहा कि, यू.सी.एम.ए.एस दुनिया भर में दो दशकों से अधिक समय से इस क्षेत्र में शिक्षा प्रदान करने में सबसे आगे रहा है। उन्होंने कहा कि, जैसा कि हम यू.सी.एम.ए.एस इंडिया के 25 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, हम दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता की मेजबानी करके रोमांचित हैं।
यह मंच न केवल हमारे छात्रों की अविश्वसनीय प्रतिभा को उजागर करेगा, बल्कि भविष्य के लिए भी चुनौतियों से निपटने हेतु उन्हें मानसिक तौर पर तैयार करेगा।
यू.सी.एम.ए.एस कार्यक्रम में भाग लेने वाले विदेशी व्यक्तियों में मलेशिया से यू.सी.एम.ए.एस मुख्यालय टीम शामिल थी, जिसमें डॉ. क्रिस च्यू, एलेक्सन वोंग और श्री वोंग झूयिंग भी मौजूद रहे। इसके अलावा, इस कार्यक्रम में भारत में कोस्टा रिका की राजदूत पाउला कोटा रामिरे, भारत में फिलिस्तीन के राजदूत डॉ. अबेद एलराज़ेग अबू जाज़र, भारत में रूसी दूतावास के प्रथम सचिव, अर्दक काकिमज़ानोव और सऊदी अरब के शिक्षा मंत्रालय के स्कूल मालिक और सलाहकार इब्राहिम बेन हुसैन अल अमारी जैसे प्रतिष्ठित राजनयिकों ने भी भाग लिया।
इस कार्यक्रम में भारत की पूर्व केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने यू.सी.एम.ए.एस अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता 2024 में भाग लिया और युवा प्रतिभागियों को अपना प्रोत्साहन और समर्थन दिया। छात्रों, अभिभावकों और विश्व नेताओं के साथ बातचीत की और यू.सी.एम.ए.एस जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से शिक्षा और संज्ञानात्मक कौशल के विकास के महत्व पर प्रकाश डाला।