नई दिल्ली, 4 नवंबर।
दिल्ली में इस समय वायु प्रदूषण की स्थिति काफी गंभीर है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दिल्ली में सोमवार सुबह 6:15 बजे तक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 373 दर्ज किया गया, जो गंभीर श्रेणी में आता है।
यही नहीं, दिल्ली एनसीआर के दूसरे शहरों में भी प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। फरीदाबाद में एक्यूआई 278, गुरुग्राम में 276, गाजियाबाद में 294, ग्रेटर नोएडा में 240 और नोएडा में 304 रिकॉर्ड किया गया है। दिल्ली के 10 इलाकों में एक्यूआई 400 से ऊपर पहुंच गया है: आनंद विहार में 432, अशोक विहार में 408, बवाना में 406, जहांगीरपुरी में 412, मुंडका में 402, एनएसआईटी द्वारका में 411, पंजाबी बाग में 404, रोहिणी में 406, विवेक विहार में 418, और वजीरपुर में 411 है।
गौरतलब है कि प्रदूषण के मुख्य कारणों में पीएम 2.0 कण शामिल हैं, जो हवा में मौजूद धूल के छोटे कण होते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए दिल्ली की सड़कों पर एंटी स्मॉग वाहनों से नियमित पानी का छिड़काव किया जा रहा है।
साथ ही, यमुना नदी में भी प्रदूषण का संकट बढ़ता जा रहा है। कालिंदी कुंज इलाके में यमुना में झाग की मोटी परत बनी हुई है। ऐसे हालात नागरिकों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं। अगर स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो इसके दुष्परिणाम और बढ़ सकते हैं। सबसे अधिक चिंता बुजुर्गों एवं बच्चों के लिये है, जो इस खतरनाक प्रदूषित वायु का सामना कर रहे हैं, जिनकी प्रतिरोधी क्षमता अधिकतर कम होती है।