नई दिल्ली, 06 सितंबर ।
केंद्र सरकार ने बहु-दवा प्रतिरोधी टीबी के इलाज के लिए छह महीने वाली बीपीएएलएम दवा को मंजूरी दी, जिससे 75,000 मरीजों को लाभ मिलेगा और इलाज की लागत कम होगी।
भारत को 2025 तक टीबी से मुक्त करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य के तहत, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बहु औषधि प्रतिरोधी टीबी (MDR-TB) के इलाज के लिए नई बीपीएएलएम दवा को मंजूरी दी है।
बीपीएएलएम (BPaLM) उपचार पद्धति है, जिसमें चार दवाओं का संयोजन (बेडाक्विलाइन, प्रीटोमैनिड, लाइनज़ोलिड और मोक्सीफ्लोक्सासिन) शामिल है। अब दवा प्रतिरोधी टीबी के इलाज के लिए एक नई और प्रभावी विकल्प साबित हुई है।
पारंपरिक बहु औषधि प्रतिरोधी टीबी उपचार गंभीर दुष्प्रभावों के साथ 20 महीने तक चल सकते हैं, जबकि बीपीएएलएम उपचार केवल छह महीने में दवा प्रतिरोधी टीबी को ठीक कर सकता है और उपचार की सफलता दर भी अधिक है।
इस नई उपचार योजना को शुरू करने से पहले देश के विशेषज्ञों ने इसकी समीक्षा की, ताकि इसके सुरक्षित और प्रभावी होने की पुष्टि हो सके। अब देश के 75,000 दवा प्रतिरोधी टीबी रोगी इस छोटे समय वाले इलाज का फायदा उठा सकेंगे, जिससे इलाज की लागत भी कम होगी और सफलता की दर भी बेहतर होगी।
सरकार की इस पहल से टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को पाने में तेजी आएगी। इसके सुरक्षित इस्तेमाल के लिए देशभर में स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करने की योजना भी बनाई जा रही है।