सुभाष राज।
राजस्थान में सबसे ज्यादा मोगरे की खेती के लिए पहचाने जाने वाले मोगरे के फूलों की खेती और मोगरे की महक से टोंक आज अपनी खास पहचान बना रहा है। एक सीजन पर यंहा से फूलो का दो करोड़ से ज्यादा का कारोबार होता है।
राजस्थान की नवाबी नगरी टोंक में माली जाती के लोग सेकड़ो बीघा जमीन पर मोगरे के फूलों की खेती कर आज अपना जीवन संवार रहे है।
अपनी तेज खुशबू की खूबी के चलते मन्दिरो में मूर्तियों के श्रंगार के साथ मोगरे के इन फूलों से इत्र,अगरबत्ती,धूपबत्ती,परफ्यूम के साथ कई उत्पाद बढ़ते है तो शादी-विवाह जैसे समारोह में महिलाओं के श्रंगार में काम आने वाला मोगरा अपनी खुशबू से फिजाओं में ठंडी महक घोल देता है।
यही कारण है कि मोगरे के फूलों की डिमांड टोंक के बाजारों से लेकर राजस्थान और देश के कई शहरों तक है जिसके लिए टोंक से पैक होकर बिक्री के लिए यह बाहर भेजा जाता है ।
सबसे ज्यादा डिमांड वाला फूल
टोंक का मोगरा अपनी तेज ठंडी महक वाली तासीर के चलते गर्मी के मौसम में बिकने वाला सबसे ज्यादा डिमांड वाला वह फूल है जिसकी खेती टोंक के बनास नदी के पास वाले सोलंगपुरा, चिड़ियो की बाड़ी, मोलाईपुरा, पांच कुआ क्षेत्र के खेतो में होती है लेकिन इसकी डिमांड जयपुर ,अजमेर,कोटा,दिल्ली, ,उज्जैन,मथुरा,व्रन्दावन भोपाल ,इंदौर ओर कन्नौज जैसे कई शहरों में होती है।
इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि गर्मी में इसकी तेज महक से वातावरण खुशबुनुमा हो जाता है और फिजाओं में ठंडक का अहसास होता है वही इस मोगरे के फूल से देवी-देवताओं की मूर्तियों का श्रृंगार होने के साथ ही गजरे,मालाएं बनाने के अलावा इत्र, परफ्यूम,रूम फ्रेशनर,अगरबत्ती,धूपबत्ती,कूलर ,परफ्यूम,साबुन, टेलकम पाउडर और कई तरह की औषधियां बनाने में भी किया जाता है।
विडियो के लिये नीचे लिंक को खोलें-
https://www.youtube.com/watch?v=7Spi4e49ytM
टोंक जिले में मोगरे के फूल के व्यवसायी बताते है कि एक सीजन में डेढ़ से दो करोड़ का कारोबार मोगरे की खेती का होता है और गर्मी के इस मौसम में इसकी डिमांड बढ़ती है। टोंक से पेकिंग होकर दूसरे शहरों तक भेजने में सबसे ज्यादा इस बात का ध्यान रखा जाता है कि इस फूल की कली नही खिलनी चाहिए टोंक में इस खेती से 500 से ज्यादा परिवार जुड़े है ।